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'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स' को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स' को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया

Posted 12 Jul 2025

11 min read

इन्हें यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि ये:

  • जीवित सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाते हैं;
  • इनकी स्थापत्य कला और तकनीकी योजना बहुत ही विशिष्ट और अलग हैं;
  • ये महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं और परंपराओं से बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं आदि।
  • ये यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने वाले भारत के 44वें स्थल/ स्मारक बन गए हैं।
  • विश्व धरोहर स्थलों की सर्वाधिक संख्या के मामले में भारत विश्व स्तर पर छठे स्थान पर है तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है।
  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देश में विश्व धरोहर से संबंधित सभी मामलों की नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।

मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स के बारे में

  • सामरिक सैन्य धरोहर (17वीं-19वीं शताब्दी ई.): यह 12 किलों का नेटवर्क है। ये सामरिक सैन्य दृष्टि, नवाचार, क्षेत्रीय अनुकूलन और वास्तुशिल्प संबंधी निपुणता को प्रदर्शित करते हैं।
    • इन किलों में भौगोलिक समझ और रणनीतिक रक्षा योजना की झलक देखने को मिलती है।
  • भौगोलिक विस्तार: ये किले महाराष्ट्र और तमिलनाडु में फैले हुए हैं।
    • चयनित किलों में तमिलनाडु में जिंजी किले के साथ-साथ महाराष्ट्र में सालहेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग और सिंधुदुर्ग शामिल हैं।
  • ये तटीय चौकियों से लेकर पहाड़ी गढ़ों तक विविध भौगोलिक क्षेत्रों में स्थित हैं।

विश्व धरोहर स्थलों के रूप में चुने जाने संबंधी मानदंड

  • विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के लिए, स्थलों/ स्मारकों का उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य होना चाहिए तथा उन्हें दस चयन मानदंडों में से कम-से-कम एक को पूरा करना होता है। 
  • केवल विश्व धरोहर कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता देश ही अपने क्षेत्र में स्थित स्थलों के लिए नामांकन प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।
  • नामांकित स्थल/ स्मारक का मूल्यांकन अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद (ICOMOS) तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा स्वतंत्र रूप से किया जाता है।
  • इस संबंध में अंतिम निर्णय विश्व धरोहर समिति द्वारा किया जाता है। भारत 2021-25 तक इसका सदस्य है।
  • Tags :
  • ICOMOS
  • मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स
  • सामरिक सैन्य धरोहर
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