केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च इम्प्रूवमेंट इन टेक्निकल एजुकेशन’ यानी MERITE योजना के लिए बजटीय सहायता को मंजूरी दी।
MERITE योजना के बारे में
- योजना का प्रकार: केंद्रीय क्षेत्रक योजना
- नोडल मंत्रालय: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय
- उद्देश्य: सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता, प्राप्ति में समानता और गवर्नेंस में सुधार करना।
- यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है।
- बजट: 2025-26 से 2029-30 तक की अवधि के लिए 4200 करोड़ रुपये।
- विश्व बैंक से ऋण के रूप में 2100 करोड़ रुपये की बाह्य सहायता शामिल है।
- लाभार्थी: 275 तकनीकी संस्थान, जिनमें 175 इंजीनियरिंग संस्थान और 100 पॉलिटेक्निक संस्थान शामिल हैं।
Article Sources
1 sourceयह उपलब्धि 2023 में शुरू किए गए “डिजी केरलम” कार्यक्रम के माध्यम से हासिल हुई है। इस का उद्देश्य सभी आयु वर्ग के नागरिकों तक डिजिटल क्रांति और ई-सेवाएं पहुंचाना है।
- यह केरल के अक्षय प्रोजेक्ट पर आधारित है, जिसने मलप्पुरम को भारत का पहला ई-साक्षर जिला बनाया था।
डिजिटल साक्षरता के बारे में
- यह "व्यक्तियों और समुदायों द्वारा अपने रोजमर्रा के कार्यों को करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों को समझने तथा उनका उपयोग करने की क्षमता" को संदर्भित करती है।
- डिजिटल रूप से साक्षर परिवार का अर्थ है कि परिवार का कम-से-कम एक सदस्य (5 वर्ष या उससे अधिक आयु) कंप्यूटर चला सकता है और इंटरनेट का उपयोग कर सकता है।
सामाजिक-आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव
- सरकारी कार्यकुशलता में सुधार: किसान कॉल सेंटर्स और कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSCs) जैसी परियोजनाएं सेवाओं के वितरण की पारदर्शिता एवं गति बढ़ाती हैं।
- ग्लोबल कनेक्टिविटी: यह वैश्विक स्तर पर जानकारी को हासिल करने; बेहतर निर्णय लेने और सामाजिक जीवन व पारिवारिक संबंधों में सुधार में मदद करती है।
- लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भागीदारी: यह नागरिकों को शासन में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करती है।
- वित्तीय समावेशन में तेजी: यह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) और इंट्रीग्रेटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) जैसी योजनाओं को तेजी से लागू करने में मदद करती है।
- यह विकसित हो रही डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए बुनियादी ICT कौशल प्रदान करती है और आजीविका के अवसरों को बढ़ाती है।

केरल ने भारत के पहले डिजिटल रूप से साक्षर राज्य बनने की उपलब्धि हासिल की है। यह समावेशी डिजिटल रूपांतरण का एक सफल मॉडल प्रस्तुत करती है।
RGI ने राज्यों से जन्म और मृत्यु के सार्वभौमिक पंजीकरण की दिशा में कदम उठाने का प्रस्ताव रखा।
RGI के बारे में
- जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD) 1969 के तहत नियुक्ति।
- मंत्रालय: केंद्रीय गृह मंत्रालय
- मुख्य जिम्मेदारियां:
- आवास एवं जनसंख्या गणना: जनगणना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत।
- नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS): जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम (1969) के तहत जन्म एवं मृत्यु के अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान करता है।
- अन्य: सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), मातृभाषा सर्वेक्षण, आदि।