व्यावसायिक और प्रतिबंधित वाक् मूल अधिकारों का हिस्सा नहीं: सुप्रीम कोर्ट (COMMERCIAL, PROHIBITED SPEECHES NOT PART OF FUNDAMENTAL RIGHTS: SC)
सुप्रीम कोर्ट (SC) ने यह टिप्पणी दिव्यांग-जनों के बारे में असंवेदनशील चुटकुले बनाने वाले सोशल मीडिया कॉमेडियन के खिलाफ एक मामले की सुनवाई के दौरान की। इस मामले में कॉमेडियन पर “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग” करने का आरोप लगाया गया है।
प्रमुख न्यायिक टिप्पणियां

- व्यावसायिक और प्रतिबंधित भाषण को संरक्षण नहीं: वाक् स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(a)) के तहत व्यावसायिक भाषण या प्रतिबंधित वाक् शामिल नहीं हैं।
- घृणा वाक् (Hate speech)/ प्रतिबंधित भाषण (Prohibited speech): ऐसी अभिव्यक्तियां जो किसी धर्म, जाति, नस्ल या नृजातीयता जैसी अंतर्निहित विशेषताओं के आधार पर किसी समूह के खिलाफ शत्रुता, नफरत या हिंसा को बढ़ावा देती हैं।
- व्यावसायिक भाषण (Commercial speech): आर्थिक लाभ के लिए किए गए विज्ञापन और संबंधित भाषण।
- इन्फ्लुएंसर्स की जवाबदेही: बड़ी संख्या में फॉलोअर्स वाले इन्फ्लुएंसर्स को जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए।
- दंडात्मक कार्रवाई और मुआवजा: ऐसे मामलों के लिए, कोर्ट ने आईटी नियमों एवं सिनेमैटोग्राफ अधिनियम के तहत समानुपातिक दंडात्मक उपायों का सुझाव दिया है।
- सोशल मीडिया दिशा-निर्देश: कोर्ट ने सरकार से ऑनलाइन कंटेंट को विनियमित करने हेतु व्यापक दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए कहा है।
वाक् स्वतंत्रता से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णय
- अमीश देवगन बनाम भारत संघ वाद (2020): इसमें स्वतंत्र वाक् और घृणित/ प्रतिबंधित वाक् के बीच अंतर किया गया। साथ ही, व्यापक पहुंच वाले इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया गया।
- श्रेया सिंघल बनाम भारत संघ वाद (2015): सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक आसन्न खतरे का आभास न हो, तब तक वैध ऑनलाइन अभिव्यक्ति को बाधित नहीं किया जा सकता।
- Tags :
- Fundamental Rights
- Art. 19(1)(a)
OCI कार्ड के नियम सख्त किए गए (RULES FOR OCI CARD TIGHTENED)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7D के तहत यह अधिसूचना जारी की है।
अधिसूचना के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) का पंजीकरण निम्नलिखित स्थितियों में रद्द किया जा सकता है, यदि:
- किसी व्यक्ति को कम-से-कम दो साल की जेल की सजा सुनाई गई हो; या
- किसी व्यक्ति के खिलाफ ऐसे अपराध के लिए चार्जशीट दायर की गई हो, जिसमें सात साल या उससे अधिक की कैद का प्रावधान हो।
OCI कार्ड के बारे में

- OCI कार्ड योजना 2005 में नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन के माध्यम से शुरू की गई थी।
- 2015 में, पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIO) कार्ड योजना को OCI के साथ मिला दिया गया था और सभी PIO कार्डधारकों को OCI कार्डधारक मान लिया गया।
- OCI कोई 'दोहरी नागरिकता' नहीं है। यह राजनीतिक अधिकार प्रदान नहीं करता है।
- OCI पंजीकरण रद्द करने के आधार:
- धोखाधड़ी से पंजीकरण लिया हो;
- भारत के संविधान के प्रति असंतोष प्रकट किया हो;
- भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा, या विदेशों से मैत्रीपूर्ण संबंधों तथा लोकहित के लिए आवश्यक हो आदि।
- OCI कार्डधारकों को मिलने वाले लाभ:
- OCI कार्डधारकों को आजीवन वीजा की सुविधा उपलब्ध है। वे भारत में कई बार आ-जा सकते हैं। वास्तव में यह बहुउद्देशीय कार्ड है।
- भारत में किसी भी अवधि के लिए ठहरने हेतु विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी या विदेशी पंजीकरण अधिकारी के पास पंजीकरण कराने से छूट।
- आर्थिक, वित्तीय और शिक्षा से जुड़े क्षेत्रों में उन्हें अनिवासी भारतीयों (NRIs) के समान सुविधाएं दी जाती हैं।
- हालांकि, OCI कार्डधारकों को भारत में कृषि-भूमि या बागान जैसी परिसंपत्तियों की खरीद की अनुमति नहीं है।
- Tags :
- Citizenship Act, 1955
- OCI Card
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NATIONAL COOPERATIVE DEVELOPMENT CORPORATION: NCDC)
कैबिनेट ने केंद्रीय क्षेत्रक की “राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को अनुदान सहायता” योजना को मंजूरी दी।
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) योजना को सहायता अनुदान के बारे में:
- इस योजना का परिव्यय 2025-26 से 2028-29 तक चार वर्षों के लिए 2000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यह राशि 500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के अनुसार भारत सरकार के बजटीय समर्थन से प्राप्त होगी।
- NCDC इस योजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी, जिसका उद्देश्य ऋण वितरण, परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी और ऋण की वसूली करना है।
- प्रदान किए जाने वाले ऋण में निम्नलिखित शामिल होंगे:
- विविध क्षेत्रकों में परियोजना संबंधी सुविधाओं की स्थापना, आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी उन्नयन एवं विस्तार के लिए दीर्घकालिक ऋण।
- सहकारी समितियों को अपना व्यवसाय कुशलतापूर्वक और लाभप्रद रूप से चलाने में सक्षम बनाने के लिए कार्यशील पूंजी।
- वे संविधान के अनुच्छेद 275 (सांविधिक अनुदान) और अनुच्छेद 282 (विवेकाधीन अनुदान) के प्रावधानों के अंतर्गत संचालित होते हैं।

निष्कर्ष
यह योजना आधुनिकीकरण और नए परियोजनाओं के लिए वित्त उपलब्ध कराती है, जिससे करोड़ों किसानों को लाभ मिलता है। यह उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करती है, व्यापक स्तर पर रोजगार सृजन करती है और भारत के महत्वपूर्ण सहकारी क्षेत्र को सुदृढ़ बनाती है।
- Tags :
- Central Sector Scheme
- National Cooperative Development Corporation (NCDC)
- Article 275
- Article 282