ग्लोबल आउटलुक काउंसिल ऑन वाटर इंवेस्टमेंट्स (GLOBAL OUTLOOK COUNCIL ON WATER INVESTMENTS)
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने ‘ग्लोबल आउटलुक काउंसिल ऑन वाटर इन्वेस्टमेंट्स (GOCWI)’ के लॉन्च की घोषणा की।
GOCWI के बारे में
- इसे G20 प्रेसिडेंशियल लेगसी इनिशिएटिव के रूप में लॉन्च किया गया। यह ग्लोबल वाटर पार्टनरशिप (GWP) के ग्लोबल ट्रांसफॉर्मेशन एजेंडा का एक प्रमुख स्तंभ है।
- GWP एक बहु-हितधारक कार्रवाई नेटवर्क और अंतर-सरकारी संगठन है। यह जल संसाधनों के न्यायसंगत, संधारणीय और कुशल प्रबंधन के लिए कार्य करती है।
- GWP के ट्रांसफॉर्मेशन एजेंडे का लक्ष्य वर्ष 2030 तक जल सुरक्षा के लिए 15 बिलियन डॉलर जुटाना है ।
- यह विश्व भर में जल सुरक्षा में निवेश के लिए राजनीतिक समर्थन और वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए एक उच्च स्तरीय फोरम के रूप में कार्य करेगा।
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भारत का जल प्रबंधन (INDIA’S WATER MANAGEMENT)
हाल ही में, जल संसाधन संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति और पर्याप्त निवेश के बावजूद, भारत को बाढ़ एवं जल संकट के कारण गंभीर सामाजिक-आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
विषय | वर्तमान स्थिति/ मुद्दे | सिफारिशें |
बाढ़ पूर्वानुमान का आधुनिकीकरण और विस्तार करना | केंद्रीय जल आयोग (CWC) 22 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 340 बाढ़ पूर्वानुमान केंद्रों का संचालन करता है। इनकी संख्या 2026 तक लगभग 375 तक बढ़ाने की योजना है। | जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ के पूर्वानुमान में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए वर्तमान प्रणाली को उन्नत करना चाहिए। |
नदियों को जोड़ने का कार्यक्रम | 30 रिवर लिंक परियोजनाओं की पहचान की गई है। इसमें राज्यों के बीच आम सहमति का अभाव एक बड़ी बाधा है, क्योंकि संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत जल राज्य सूची का विषय है। | परियोजनाओं के लाभों पर विस्तृत अध्ययन करना चाहिए; संबंधित राज्यों के बीच जागरूकता बढ़ानी चाहिए तथा रिवर लिंक परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लानी चाहिए। |
बांध सुरक्षा | 6,000 से अधिक बांधों में से केवल 459 को लेकर आपातकालीन कार्य योजनाएं (EAPs) हैं।
| राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण को EAP की तैयारी के लिए बांध के स्वामियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखना चाहिए। |
वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण | 'जल शक्ति अभियान: वर्षा जल संचयन' और 'जल संचय जन भागीदारी' समुदाय-संचालित पहलें हैं। ये जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देती हैं।
| वर्षा जल संचयन पहलों के लिए समर्थन बढ़ाने और उसे बढ़ावा देने के लिए राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को वर्षा जल संचयन हेतु समर्पित वित्तीय अनुदान प्रदान करना चाहिए। |
सक्रिय और एकीकृत दृष्टिकोण | नई राष्ट्रीय जल नीति का मसौदा विचाराधीन है। |
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (POLLUTION CONTROL BOARDS)
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति बनाम लोधी प्रॉपर्टी कंपनी लिमिटेड मामले में यह निर्णय सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें कहा गया था कि केवल अदालतें ही पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति आरोपित कर सकती हैं।
- पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक नीतिगत तरीका है, जो ‘प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान सिद्धांत' पर काम करता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- कानूनी अधिकार: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स (PCBs) के पास जल अधिनियम, 1974 की धारा 33A और वायु अधिनियम, 1981 की धारा 31A के तहत पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति आरोपित करने का अधिकार है।
- प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान सिद्धांत: PCBs इन अधिनियमों के तहत प्रत्येक उल्लंघन पर दंड नहीं लगा सकते, बल्कि केवल तभी दंड लगा सकते हैं, जब किसी संस्था ने वास्तव में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया हो।
- इंडियन काउंसिल फॉर एनवायरनमेंट-लीगल एक्शन बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब प्रदूषणकर्ता द्वारा भुगतान सिद्धांत लागू हो, तो पर्यावरणीय क्षति की भरपाई जिम्मेदार उद्योग द्वारा ही की जानी चाहिए।
- कार्रवाई का उचित तरीका: बोर्ड्स यह तय कर सकते हैं कि प्रदूषणकर्ता पर केवल जुर्माना लगाना है या तत्काल पर्यावरण की क्षति की भरपाई (पुनर्स्थापना) करानी है, या दोनों तरह के दंड लगाने हैं।
- वेल्लोर सिटिजन्स वेलफेयर फोरम बनाम भारत सरकार (1996) के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने माना कि पर्यावरणीय क्षति की जिम्मेदारी में क्षतिपूर्ति और सुधार, दोनों शामिल होते हैं।
- रोकथाम की उपाय: विनियामक नुकसान होने से पहले ही निवारक या पूर्व-उपाय किए जा सकते हैं।

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UNDP इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड (UNDP EQUATOR INITIATIVE AWARD)
कर्नाटक के धारवाड़ जिले के एक छोटे से गांव के ‘बीबी फातिमा महिला स्वयं सहायता समूह (SHG)’ को 'इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड' मिला है।
UNDP इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड के बारे में
- यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की इक्वेटर इनिशिएटिव के तहत प्रत्येक दो साल में दिया जाता है।
- इक्वेटर इनिशिएटिव देशज और स्थानीय समुदायों को भूमि निम्नीकरण, जैव विविधता संरक्षण और आजीविका से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के अवसर प्रदान करती है।
- इसे “जैव विविधता संरक्षण का नोबेल पुरस्कार” के रूप में भी जाना जाता है।
‘बीबी फातिमा स्वयं सहायता समूह’ के बारे में
- इस समूह ने वर्षा सिंचित क्षेत्रों में मिलेट्स-आधारित मिश्रित खेती की शुरुआत की, जलवायु-अनुकूल कृषि प्रणालियों को बढ़ावा दिया, पशुपालन और बागवानी को प्रोत्साहित किया तथा मिलेट्स को लोकप्रिय बनाया।
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अवाज़ा प्रोग्राम ऑफ एक्शन (APOA) 2024-2034 {AWAZA PROGRAMME OF ACTION (2024-2034) (APOA)}
तीसरा ‘संयुक्त राष्ट्र-स्थलरुद्ध विकासशील देशों का सम्मेलन (LLDC-3) तुर्कमेनिस्तान के अवाज़ा में शुरू हुआ।
- यह सम्मेलन हाल ही में अपनाए गए अवाज़ा प्रोग्राम ऑफ एक्शन (APoA) को लागू करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।
अवाज़ा प्रोग्राम ऑफ एक्शन (APOA) के बारे में:
- इसे दिसंबर 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में सर्वसम्मति से अपनाया गया था।
- यह स्थलरुद्ध विकासशील देशों (LLDCs) के समक्ष विकास संबंधी चिरकालिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क प्रदान करता है।
- इस प्रोग्राम ऑफ एक्शन में निम्नलिखित शामिल हैं:
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्रों की स्थापना;
- आवश्यक वित्त-पोषण जुटाने के लिए अवसंरचना निवेश वित्त सुविधा का शुभारंभ;
- व्यापार और क्लाइमेट रेजिलिएंस को बढ़ावा देने के लिए UNFCCC वार्ता फोरम की स्थापना।
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- Awaza Programme of Action
- Conference on Landlocked Developing Countries
Articles Sources
सुंदरबन टाइगर रिजर्व (SUNDARBANS TIGER RESERVE)
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) पैनल ने सुंदरबन टाइगर रिजर्व (STR) के क्षेत्रफल का विस्तार करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। गौरतलब है कि NBWL की अध्यक्षता भारत के प्रधान मंत्री द्वारा की जाती है।
- इस विस्तार के बाद, अब सुंदरबन टाइगर रिजर्व भारत के 58 टाइगर रिजर्व में क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवें स्थान से दूसरे स्थान पर आ गया है। अब यह क्षेत्रफल के मामले में केवल आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व से पीछे है।
टाइगर रिजर्व घोषित करने या उसके क्षेत्रफल में बदलाव करने की प्रक्रिया
- राज्य सरकारें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V के प्रावधानों के अनुसार टाइगर रिजर्व अधिसूचित करती हैं। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) से सलाह ली जाती है।
- अधिसूचना में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
- राज्य से प्रस्ताव प्राप्त होता है;
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V के अंतर्गत NTCA विस्तृत विवरणों की मांग करते हुए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी देता है;
- NTCA समुचित जांच के बाद राज्य को प्रस्ताव की सिफारिश करता है;
- राज्य सरकार संबंधित क्षेत्र को टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित करती है।
- क्षेत्रफल में बदलाव की प्रक्रिया: वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38W(1) के अनुसार, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की सिफारिश और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की मंजूरी के बिना टाइगर रिजर्व की सीमाओं में बदलाव नहीं किया जा सकता।
- इसके लिए प्रस्ताव भी राज्य से ही प्राप्त किए जाते हैं।

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मातृ वन पहल (‘MATRI VAN’ INITIATIVE)
गुरुग्राम में अरावली पहाड़ियों में 750 एकड़ का शहरी वन विकसित करने के लिए मातृ वन पहल शुरू की गई है।
- यह पहल 'एक पेड़ माँ के नाम' कार्यक्रम का हिस्सा है।
- इसका उद्देश्य पारिस्थितिकी संरक्षण को बढ़ाना और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है, जो शहरी संधारणीयता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- इसके तहत पारिस्थितिकी पुनर्बहाली संबंधी घटकों में आक्रामक प्रजातियों को हटाना, देशी वृक्ष प्रजातियों का रोपण करना और अरावली-विशिष्ट जैव विविधता की पुनर्बहाली शामिल है।
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- Matri Van Initiative
- 'Ek Ped Maa Ke Naam' programme
एटालिन जलविद्युत परियोजना (ETALIN HYDROELECTRIC PROJECT)
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक विशेषज्ञ पैनल ने एटालिन जलविद्युत परियोजना को पर्यावरणीय मंजूरी देने की सिफारिश की है।
एटालिन जलविद्युत परियोजना के बारे में
- स्थान: यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में प्रस्तावित है। यह क्षेत्र पूर्वी हिमालय वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट का हिस्सा है।
- नदियाँ: इस परियोजना के तहत ड्री और टांगोन नदियों पर कंक्रीट ग्रेविटी बांध बनाया जाना है।
- ड्री नदी एटालिन गांव के पास टांगोन नदी से मिलकर आगे दिबांग नदी के रूप में बहती है।
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सुर्ख़ियों में रहे ज्वालामुखी विस्फोट (VOLCANIC ERUPTIONS IN NEWS)
- माउंट लेवोटोबी: यह इंडोनेशिया के दो सन्निकट स्ट्रैटवोल्केनो से बना है।
- माउंट किलाउआ: हालिया उद्गार हलेमाउमाउ क्रेटर (Halemaumau Crater) में हो रहा है जो हवाई ज्वालामुखीय राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है।
- हवाई एकमात्र अमेरिकी राज्य है जो पूर्णतः द्वीपों से मिलकर बना है।
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- Volcanic Eruptions
- Mount Lewotobi
ड्रेक पैसेज (DRAKE PASSAGE)
अर्जेंटीना और चिली के पास स्थित ड्रेक पैसेज में 7.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
ड्रेक पैसेज के बारे में:
- अवस्थिति: यह जल निकाय दक्षिण अमेरिका के दक्षिणतम पॉइंट ‘केप हॉर्न’ और अंटार्कटिक प्रायद्वीप के उत्तर में स्थित साउथ शेटलैंड आइलैंड्स के बीच स्थित है।
- नामकरण: इसका नाम प्रसिद्ध अंग्रेज़ नाविक सर फ्रांसिस ड्रेक के नाम पर रखा गया है।
- महासागरीय धारा: यह जल निकाय मुख्य रूप से पश्चिम से पूर्व की ओर बहता है। यह अंटार्कटिक सरकम्पोलर करंट का हिस्सा है, जो विश्व की सबसे विशाल महासागरीय धारा है।
- ऐतिहासिक व्यापार मार्ग: 1914 में पनामा नहर के खुलने से पहले यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग था।
- नाविकों के लिए चुनौती: यह क्षेत्र समुद्री तूफ़ानों और बर्फीले क्षेत्र के लिए जाना जाता है, जिससे केप हॉर्न से गुजरने वाले जहाजों को अवरोधों का सामना करना पड़ता है।
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