FIDE विश्व कप (FIDE World Cup) | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

संक्षिप्त समाचार

04 Oct 2025
5 min

हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (International Chess Federation: FIDE) ने घोषणा की है कि FIDE विश्व कप 2025 का आयोजन भारत के गोवा में किया जाएगा।

FIDE विश्व कप के बारे में

  • यह FIDE द्वारा आयोजित एक प्रमुख शतरंज प्रतियोगिता है। FIDE शतरंज के लिए अंतर्राष्ट्रीय शासी निकाय है।
    • FIDE की स्थापना 1924 में पेरिस में एक ग़ैर-सरकारी संस्था के रूप में हुई थी। हालांकि, अब इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन में है। 
  • इस प्रतियोगिता में शीर्ष तीन स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी 2026 के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करेंगे।

जैस्मिन लंबोरिया और मीनाक्षी हुड्डा ने हाल ही में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 में स्वर्ण पदक जीते हैं। 

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 के बारे में 

  • यह यूनाइटेड किंगडम के लिवरपूल में आयोजित की गई थी।
  • पहली बार पुरुष और महिला, दोनों वर्गों की प्रतिस्पर्धाएं एक साथ आयोजित की गईं थीं। 
  • भारत ने कुल चार पदक जीते: जैस्मिन लंबोरिया (57 किलोग्राम वर्ग) और मीनाक्षी हुड्डा (48 किलोग्राम) ने स्वर्ण पदक तथा नूपुर श्योराण ने रजत पदक और पूजा रानी ने कांस्य पदक जीते।
  • कज़ाख़िस्तान पदक तालिका में शीर्ष पर रहा।

उन्होंने 13वीं शताब्दी के प्रारम्भ में कामरूप (असम) पर शासन किया।

  • वह खेन राजवंश से संबंधित थे। यह राजवंश खुद को नरकासुर का वंशज मानता था। 
    • वह देवी कामतेश्वरी (देवी दुर्गा का एक अवतार) की उपासना करते थे
    • पाल राजवंश के पतन के बाद खेन शासक स्थानीय सरदार के रूप में उभरे। 
      • खेन राजवंश ने कामता साम्राज्य की शुरुआत की। इस साम्राज्य को कामरू, कामरुद, कामरूप, कामता, कोच या कोच-हाजो के नाम से भी जाना जाता है।
  • योगदान: 
    • उन्होंने कामरूप पर आक्रमण करने वाले बख्तियार खिलजी को पराजित किया।
      • कनाई वरसी शिलालेख में तुर्कों को हुए नुकसान का प्रमाण प्राप्त होता है।
    • उन्होंने युद्धबंदियों को क्षमादान दिया तथा धर्मयुद्ध के सिद्धांतों का पालन किया। 

हाल ही में, एक गैर-सरकारी संगठन (Non-Governmental Organization: NGO), 'एजुकेट गर्ल्स' ने 2025 का रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीता है। ‘एजुकेट गर्ल्स’ यह पुरस्कार जीतने वाला भारत का पहला संगठन है। 

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (स्थापना: 1957 में) के बारे में  

  • पहला पुरस्कार: यह 1958 में दिया गया था। इसे एशिया का सर्वोच्च सम्मान और एशिया का नोबेल पुरस्कार भी माना जाता है। 
  • कब दिया जाता है: प्रतिवर्ष।
  • यह फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की स्मृति में और उनके नेतृत्व कौशल के सम्मान में दिया जाता है। 
  • मान्यता और सम्मान: यह पुरस्कार एशिया के उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने नृजाति, पंथ, जेंडर या राष्ट्रीयता की सीमा से परे जाकर, किसी सार्वजनिक मान्यता की अपेक्षा रखे बिना उदारतापूर्वक दूसरों की मदद की है। 

प्रधान मंत्री ने पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए ‘ज्ञान भारतम पोर्टल’ लॉन्च किया

यह पोर्टल भारत की पांडुलिपि (Manuscript) विरासत को डिजिटल बनाने में मदद करेगा। इससे इन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा और सांस्कृतिक ज्ञान को भी संरक्षित किया जा सकेगा। 

  • केंद्रीय बजट 2025-26 में ज्ञान भारतम मिशन की घोषणा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत की पांडुलिपि विरासत का सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण करना है। 

पांडुलिपि के बारे में 

  • ये कम-से-कम 75 साल पुरानी कागज, वृक्ष की छाल, कपड़ा, धातु, ताड़पत्र या किसी अन्य सामग्री पर हस्तलिखित रचनाएं होती हैं। इनका वैज्ञानिक, ऐतिहासिक या कलात्मक महत्त्व होता है।
  • लिथोग्राफ और मुद्रित ग्रंथ पांडुलिपियां नहीं माने जाते हैं। 
    • लिथोग्राफ एक तकनीक है, जिसमें पत्थर पर चित्र, अक्षर आदि उकेर कर उसे कागज पर छापा जाता है। 
  • भारत के पास 'मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड' जैसी धरोहर है, जिसमें लगभग 1 करोड़ पांडुलिपियां सुरक्षित हैं। ये 80 प्राचीन लिपियों में लिखी गई हैं, जैसे- ब्राह्मी, कुषाण, गौड़ी, लेपचा, मैथिली आदि।
    • इनमें से लगभग 75% संस्कृत में तथा 25% क्षेत्रीय भाषाओं में हैं। 
  • इनका महत्त्व
    • ये मानव गतिविधियों के साक्ष्य प्रदान करती हैं। 
    • सदियों तक इनके विनाश के बावजूद ये ज्ञान, विज्ञान और शिक्षा के प्रति पूर्वजों के समर्पण को दर्शाती हैं। 
    • ये समाज के विभिन्न पहलुओं, जैसे- सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक आदि पर ज्ञान प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए- कौटिल्य का अर्थशास्त्र।

Explore Related Content

Discover more articles, videos, and terms related to this topic

Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features