भारत-जापान साझेदारी (INDIA-JAPAN PARTNERSHIP) | Current Affairs | Vision IAS
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भारत-जापान साझेदारी (INDIA-JAPAN PARTNERSHIP)

Posted 04 Oct 2025

Updated 10 Oct 2025

1 min read

Article Summary

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भारत और जापान ने रणनीतिक समझौतों के माध्यम से अपनी साझेदारी को मजबूत किया, आर्थिक सहयोग, सुरक्षा, अंतरिक्ष सहयोग और वैश्विक व्यवस्था समर्थन पर जोर दिया, क्षेत्रीय स्थिरता और समावेशी विकास को बढ़ावा दिया।

सुर्ख़ियों में क्यों?

भारत के प्रधानमंत्री ने जापान का दौरा किया और भारत-जापान साझेदारी को और अधिक मजबूत करने वाले प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री की यात्रा के प्रमुख परिणाम:

  • अगले दशक के लिए भारत-जापान संयुक्त विजन: दोनों देशों ने आर्थिक और कार्यात्मक सहयोग के लिए 10-वर्षीय रणनीतिक प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं। ये प्राथमिकताएं आठ प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है — जैसे कि आर्थिक साझेदारी, आर्थिक सुरक्षा, गतिशीलता, पारिस्थितिकी संधारणीयता, राज्य-प्रांत (State-Prefecture) सहभागिता आदि।
    • राज्य-प्रांत साझेदारियाँ निम्नानुसार स्थापित की गई हैं:
      • आंध्र प्रदेश और तोयामा
      • तमिलनाडु और एहिमे
      • उत्तर प्रदेश और यामानाशी
      • गुजरात और शिज़ुओका
  • आर्थिक सुरक्षा पहल: अर्धचालक, स्वच्छ ऊर्जा, दूरसंचार जैसे रणनीतिक क्षेत्रकों के साथ-साथ नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन को बढ़ावा देना।
  • अंतरिक्ष सहयोग: भारत और जापान के बीच संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन (चंद्रयान-5) पर समझौता किया गया है।
  • अन्य परिणाम:
    • सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा
    • भारत-जापान मानव संसाधन आदान-प्रदान हेतु कार्य योजना
    • भारत-जापान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पहल
    • सतत ईंधन पहल
    • अगली पीढ़ी की गतिशीलता साझेदारी: (रेलवे, विमानन, सड़क आदि क्षेत्रक, मेक-इन-इंडिया पर केंद्रित)।
    • भारत-जापान लघु एवं मध्यम उद्यम (SMEs) मंच

भारत-जापान संबंधों के स्तंभ

  • वर्तमान स्थिति: 2014 में, दोनों देशों ने अपने संबंधों को 'विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी (Special Strategic and Global Partnership)' तक बढ़ाया।
  • आर्थिक सहयोग: भारत-जापान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement: CEPA) 2011 में प्रभाव में आया। इसमें वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार, नैसर्गिक व्यक्तियों की आवाजाही, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) आदि शामिल हैं।
    • द्विपक्षीय व्यापार: वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 22.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिसमें जापान से भारत के लिए निर्यात 17.69 अरब अमेरिकी डॉलर था।
      • भारत के प्राथमिक आयातों में परमाणु रिएक्टर, तांबा, विद्युत मशीनरी आदि शामिल हैं, जबकि निर्यातों में कार्बनिक रसायन, वाहन, परमाणु रिएक्टर आदि शामिल हैं।
    • भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी (IJICP): यह साझेदारी 2021 में भारत की औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए की गई।
  • सुरक्षा सहयोग: प्रमुख समझौतों में 2025 का सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा तथा 2015 के रक्षा उपकरण हस्तांतरण तथा गोपनीय जानकारी की सुरक्षा पर समझौते शामिल हैं।
    • दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता
    • दोनों देश जिमेक्स (JIMEX) और धर्म गार्जियन (Dharma Guardian) जैसे द्विपक्षीय अभ्यासों तथा मिलन (MILAN) और मालाबार जैसे बहुपक्षीय अभ्यासों में भाग लेते हैं।
  • विकास सहयोग: उदाहरण के लिए, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) प्रमुख परियोजना
    • भारत जापान एक्ट ईस्ट फोरम भारत की "एक्ट ईस्ट पॉलिसी" और जापान के "स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के विजन" के तहत भारत के पूर्वोत्तर के विकास के लिए भारत-जापान सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करता है।

वैश्विक और क्षेत्रीय व्यवस्था में भारत-जापान की भूमिका

  • नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था: दोनों देश नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था और स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्ध हैं।
    • क्वाड के माध्यम से, वे समुद्री सुरक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं पर समन्वय करते हैं तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकतरफा रुख को प्रतिसंतुलित करते हैं।
  • बहुपक्षवाद को मजबूत बनाना: वे संयुक्त रूप से G4 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सुधारों पर निकटता से सहयोग करते हैं तथा सुधार किए गए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए एक-दूसरे की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं।
  • अफ्रीकी विकास: भारत और जापान ने अफ्रीकी विकास में सहायता के लिए अफ्रीकी देशों के साथ त्रिपक्षीय सहयोग स्थापित किया है।
    • एशिया–अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर (AAGC): भारत और जापान ने 2017 में अफ्रीका में लोकतांत्रिक, सतत और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त रूप से स्थापित किया।
    • सतत आर्थिक विकास के लिए जापान–भारत सहयोग पहल: अफ्रीका में सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भी शुरू की गई।
  • आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन: दोनों देशों ने आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (Supply Chain Resilience Initiative) में ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग किया है।

निष्कर्ष

भारत द्वारा परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर न करने के कारण जापान द्वारा परमाणु प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर लगाए गए प्रतिबंधों जैसी चिंताओं के बावजूद, भारत-जापान साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की संरचना का एक प्रमुख स्तंभ बनकर उभरी है। जहाँ जापान, अमेरिका के नेतृत्व वाली गठबंधन प्रणाली के माध्यम से चीन की आक्रामकता और एकतरफा रुख का सामना करता है, वहीं भारत, अमेरिका, रूस और वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) के साथ संबंधों को संतुलित करते हुए एक गुटनिरपेक्ष, रणनीतिक स्वायत्तता दृष्टिकोण अपनाता है। साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और नियम-आधारित व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित यह साझेदारी बहुपक्षवाद, आर्थिक लचीलेपन और समावेशी विकास को बढ़ावा देती है और एक उभरते बहुध्रुवीय विश्व में विश्वास और पारदर्शिता पर आधारित सहयोग को मूर्त रूप देती है।

  • Tags :
  • Asia-Africa Growth Corridor
  • India-Japan Industrial Competitiveness Partnership
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