राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission: NMC) | Current Affairs | Vision IAS
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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission: NMC)

Posted 04 Oct 2025

Updated 10 Oct 2025

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Article Summary

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एमसीआई को प्रतिस्थापित करने के लिए 2020 में गठित एनएमसी को शासन, नैतिकता और पारदर्शिता के मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, जो भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के लिए जवाबदेही, शुल्क विनियमन और समावेशिता में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

सुर्ख़ियों में क्यों?

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने हाल ही में पाँच वर्ष पूरे किए हैं।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के बारे में

  • स्थापना: यह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है; यह 25 सितंबर 2020 को प्रभावी हुआ।
    • इसे भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) के स्थान पर स्थापित किया गया है। साथ ही, इसकी स्थापना के बाद बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को भंग कर दिया गया।
  • आयोग में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त निम्नलिखित व्यक्ति शामिल होते हैं:
    • एक अध्यक्ष
    • 10 पदेन सदस्य
    • 22 अंशकालिक सदस्य
  • NMC के अंतर्गत स्थापित चार स्वायत्त बोर्ड:
    • स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड
    • स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा बोर्ड
    • चिकित्सा मूल्यांकन एवं रेटिंग बोर्ड
    • एथिक्स एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड।

NMC के साथ समस्याएं

  • शासन संबंधी अंतर: डॉक्टरों का प्रभुत्व वाला निकाय होने के कारण जवाबदेही सीमित हो जाती है; इसमें जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों, सामाजिक वैज्ञानिकों या नागरिक प्रतिनिधियों की भागीदारी का अभाव होता है।
    • NMC केवल पंजीकृत चिकित्सकों को ही अपील करने की अनुमति देता है, जिसके कारण कानूनी रूप से कोई प्रतिबंध न होने के बावजूद मरीजों की शिकायतों को व्यवस्थित रूप से अस्वीकार कर दिया जाता है।
  • शुल्क विनियमन: यह केवल 50% निजी सीटों के लिए शुल्क नियंत्रित करता है; अन्य सीटों पर अत्यधिक शुल्क वसूले जाने की आशंका बनी रहती है, जिससे गरीब छात्रों के लिए प्रवेश कठिन हो जाता है।
  • नैतिकता निरीक्षण: कदाचार के मामलों को न्यायिक विशेषज्ञता या किसी निश्चित समय-सीमा के बिना निपटाया जाता है, जिससे निष्पक्षता को लेकर चिंताएं उत्पन्न होती हैं।
  • राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर (NMR): NMR में चिकित्सकों की योग्यताओं को अद्यतन और सत्यापन करने की प्रक्रिया बहुत धीमी रही है। इसके कारण अयोग्य व्यक्तियों द्वारा चिकित्सा पद्धति अपनाने की आशंका बनी रहती है।

निष्कर्ष

यद्यपि NMC भारत में चिकित्सा प्रशासन के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, फिर भी पारदर्शी, जवाबदेह और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के निर्माण के लिए सुलभता, नैतिक निरीक्षण और समावेशिता से जुड़ी चिंताओं का समाधान करना आवश्यक है।

  • Tags :
  • National Medical Commission
  • NMC
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