राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI), 2024 {State Energy Efficiency Index (SEEI), 2024} | Current Affairs | Vision IAS
Monthly Magazine Logo

Table of Content

संक्षिप्त समाचार

Posted 04 Oct 2025

Updated 12 Oct 2025

8 min read

Article Summary

Article Summary

महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम और त्रिपुरा ने एसईईआई के छठे संस्करण में अपनी श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसमें सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा दक्षता प्रदर्शन के आधार पर 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को रैंक किया जाता है।

राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI), 2024 {State Energy Efficiency Index (SEEI), 2024}

हाल ही में जारी राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2024 में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, असम और त्रिपुरा ने अपने-अपने राज्य समूहों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किए।

  • यह राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI) का छठा संस्करण है।  

राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (SEEI) के बारे में

  • विकासकर्ता: ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा अलायन्स फॉर ऐन एनर्जी एफिशिएंट इकॉनमी (AEEE) के सहयोग से।
  • उद्देश्य: यह सूचकांक 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा दक्षता में प्रदर्शन का आकलन करता है। इससे डाटा-आधारित निगरानी, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का आदान-प्रदान और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है।
  • राज्यों को चार प्रदर्शन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: फ्रंट-रनर्स (60% से अधिक), अचीवर्स (50-60%), कंटेंडर्स (30-50%), एस्पिरेंट्स (30% से कम) ।
    • BEE द्वारा शुरू की गई राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजनाएँ, सबसे अधिक ऊर्जा-खपत वाले क्षेत्रकों में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में अहम् भूमिका निभाती हैं।
  • Tags :
  • Bureau of Energy Efficiency (BEE)
  • SEEI Index, 2024

सुपर टाइफून (Super Typhoon)

फिलीपींस में हाल ही में सुपर टाइफून रागासा से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

सुपर टाइफून के बारे में

  • यह एक प्रकार का उष्णकटिबंधीय चक्रवात है। इसमें पवन का अधिकतम वेग 185 किलोमीटर प्रति घंटे या 100 नॉट से अधिक होता है।

o उष्णकटिबंधीय चक्रवात गर्म केंद्र और निम्न-दाब वाली प्रणाली है। इसमें निचले स्तर पर पवन अंदर की ओर सर्पिल रूप से और ऊपरी स्तर पर बाहर की ओर सर्पिल रूप से बहती हैं।

o इनकी उत्पत्ति हमेशा महासागर के ऊपर होती हैं जहां समुद्री सतह जल का तापमान 26°C से अधिक होता है।

o ये सामान्यतः भूमध्य रेखा से 5° अक्षांश से ऊपर के क्षेत्रों में विकसित होते हैं।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए अलग-अलग नाम:

  • हरिकेन: उत्तरी अटलांटिक, पूर्वी उत्तरी-प्रशांत और दक्षिणी प्रशांत महासागर में।
  • साइक्लोन (चक्रवात): हिंद महासागर में।
  • टाइफून: पश्चिमी उत्तरी प्रशांत महासागर में।
  • विली-विली: दक्षिणी हिंद महासागर के पूर्वी हिस्से में।
  • Tags :
  • Super Typhoon
  • Tropical Cyclones

ग्रे राइनो परिघटना (Grey Rhino Event)

हाल के एक अध्ययन के अनुसार वायनाड भूस्खलन वास्तव में एक ‘ग्रे राइनो परिघटना’ थी।

ग्रे राइनो परिघटना क्या है?

  • ग्रे राइनो ऐसी परिघटनाओं को कहते हैं जिनके घटित होने की आशंका अधिक होती है और जिनका असर बहुत व्यापक होता है, फिर भी इन्हें नज़रअंदाज़ किया जाता है।
    • ये परिघटनाएं अचानक या अप्रत्याशित नहीं घटित होती (जैसे कि ब्लैक स्वान घटित होती हैं) बल्कि इनके बारे में पहले से चेतावनी दी गई होती है और सबूत भी मौजूद होते हैं। 

वायनाड भूस्खलन को ‘ग्रे राइनो परिघटना’ क्यों कहा गया?

  • अध्ययन के अनुसार, वायनाड भूस्खलन उस क्षेत्र में हुआ जिसे पहले से ही भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र के रूप में पहचान की गई थी। हाल के वर्षों में यहाँ बार-बार भूस्खलन भी हुए थे, फिर भी सरकार ने इसे अनदेखा कर दिया।
  • Tags :
  • Grey Rhino Event
  • Wayanad landslides

वैश्विक जल संसाधनों की स्थिति 2024 (State of Global Water Resources 2024)

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 'वैश्विक जल संसाधनों की स्थिति 2024' रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जल चक्र अब और अधिक अस्थिर एवं चरम होता जा रहा है, जो कभी बाढ़ तो कभी सूखे के रूप में सामने आ रहा है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:

  • ग्लेशियर का पिघलना: लगातार तीसरे साल, दुनिया भर के सभी ग्लेशियर क्षेत्रों में ग्लेशियरों के पिघलने के कारण नुकसान दर्ज किया गया है।
    • कई छोटे-छोटे ग्लेशियर क्षेत्र पहले ही "पीक वाटर पॉइंट" तक पहुंच चुके हैं या पहुंचने की कगार हैं। यह वह स्थिति है, जब किसी ग्लेशियर का पिघलना अपने अधिकतम वार्षिक अपवाह तक पहुंच जाता है, जिसके बाद ग्लेशियर के सिकुड़ने के कारण यह अपवाह कम हो जाता है।
  • अनियमित जल चक्र: दुनिया के दो-तिहाई नदी जलग्रहण क्षेत्रों में या तो बहुत ज्यादा पानी है या बहुत कम पानी है।
    • यह बढ़ती हुई चरम घटनाओं का कारण बन रहा है, जैसे - अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में असामान्य रूप से भारी वर्षा, यूरोप और एशिया में बड़े पैमाने पर बाढ़, अमेजन बेसिन में सूखा, आदि।

जल चक्र 

  • जल चक्र पृथ्वी और वायुमंडल के भीतर जल की निरंतर गति का वर्णन करता है, जिसमें पूल एवं फ्लक्स शामिल होते हैं।
    • पूल उन विभिन्न रूपों और स्थानों को संदर्भित करता है, जहां पानी जमा होता है, जैसे झील, ग्लेशियर, वायुमंडल, आदि।
    • फ्लक्स जल के पूल्स के बीच जाने के तरीकों को कहते हैं, जिसमें वाष्पीकरण या संघनन जैसे अवस्था परिवर्तन शामिल हैं।
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: वैश्विक जलवायु का गर्म होना जल चक्र को तेज करता है, क्योंकि यह वाष्पीकरण की दर को बढ़ाता है।
    • इससे वायुमंडल में जल का जमाव अधिक होता है, जिससे सूखा, भारी वर्षा और तूफान जैसी चरम मौसम की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
    • यह ग्लेशियरों के पिघलने और समुद्री जल के विस्तार के कारण समुद्र के जलस्तर को बढ़ा रहा है, जिससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ रही है।
  • Tags :
  • Water Cycle
  • Water Resources

प्रोडक्शन गैप रिपोर्ट 2025 (Production Gap Report 2025)

प्रोडक्शन गैप रिपोर्ट 2025 को स्टॉकहोम एनवायरनमेंट इंस्टीट्यूट, क्लाइमेट एनालिटिक्स और ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ ने जारी किया।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • अत्यधिक उत्पादन:
    • वर्ष 2030 में निर्धारित जीवाश्म ईंधन उत्पादन, वैश्विक तापवृद्धि को 1.5°C तक सीमित करने के लिए आवश्यक स्तर से 120% अधिक और 2°C तक सीमित करने के लिए आवश्यक स्तर से 77% अधिक होगा।
    • इसमें कोयला की भूमिका सबसे नुकसानदेह है, क्योंकि 2030 तक इसका अनुमानित वैश्विक उत्पादन, तापवृद्धि को 1.5°C सीमित रखने के लिए आवश्यक स्तर से 500% अधिक होगा।
  • सरकारों द्वारा दी जाने वाली जीवाश्म ईंधन सब्सिडियां अब तक के सर्वोच्च स्तर के करीब बनी हुई हैं, जबकि इनको कम करने की प्रतिबद्धताएं पहले से की जा चुकी हैं।
  • Tags :
  • Production Gap Report, 2025
  • Fossil Fuel Subsidies

सुर्ख़ियों में रही जलविद्युत परियोजनाएं (HYDRO ELECTRIC PROJECTS IN NEWS)

  • सावलकोट परियोजना: यह रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट है। यह चिनाब नदी पर प्रस्तावित है।
    • अवस्थिति: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के रामबन और उधमपुर जिले में
  • हेओ और टाटो-I: हाल ही में, प्रधान मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के करीब सियोम नदी पर हेओ और टाटो-I नामक दो जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
    • सियोम नदी के बारे में: यह पूर्वी हिमालय से निकलती है। यह नदी अपने अधिकांश अपवाह मार्ग में पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है और अंत में सियांग नदी में मिल जाती है।
    • अरुणाचल प्रदेश की सियांग नदी आगे कई नदियों के मिलने के बाद ब्रह्मपुत्र नाम से बहती है।  
  • ओजू जलविद्युत परियोजनाभारत-चीन सीमा के पास सुबनसिरी नदी पर ओजू जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी।
    • सुबनसिरी नदी तिब्बत से निकलती है। यह ब्रह्मपुत्र की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यह ट्रांस-हिमालयी पूर्ववर्ती नदी (Antecedent river) है।
      • यह भारत में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है और असम से होकर बहती हुई अंत में ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है।
      • इस नदी को "स्वर्ण नदी" (Gold River) भी कहा जाता है, क्योंकि इसके पानी में सोने के कण पाए जाते हैं।
  • Tags :
  • Sawalkote dam
  • Heo Project

बैरन द्वीप ज्वालामुखी (Barren Island Volcano)

अंडमान द्वीप समूह के बैरन द्वीप ज्वालामुखी में फिर से उद्गार हुआ है।

बैरन द्वीप के बारे में

  • अवस्थिति: यह पोर्ट ब्लेयर के उत्तर-पूर्व में अंडमान सागर (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह,भारत) में स्थित है।
  • विशेषता: यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
  • प्रकार: यह एक प्रकार का स्ट्रैटोवोलकानो है, जो अंडमान ज्वालामुखी चाप का हिस्सा है।
  • Tags :
  • Volcano
  • Barren Volcano
Download Current Article
Subscribe for Premium Features

Quick Start

Use our Quick Start guide to learn about everything this platform can do for you.
Get Started