हाल ही में, कोच्चि में हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी (IONS) में इमर्जिंग लीडर्स पर पैनल परिचर्चा आयोजित की गई।
IONS के बारे में
- यह एक स्वैच्छिक पहल है जिसे भारतीय नौसेना ने 2008 में शुरू किया था।
- उद्देश्य: हिंद महासागर क्षेत्र के तटवर्ती देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाना।
- इसका पहला संस्करण वर्ष 2008 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ था।
- सदस्य: 25 सदस्य और 9 पर्यवेक्षक।
- सदस्यता के लिए पात्रता: ऐसा राष्ट्र-राज्य जिसकी स्थायी भूमि-सीमा या सीमा हिंद महासागर को स्पर्श करती हो और जिसकी अपनी नौसेना या समुद्री एजेंसी हो।
- IONS की अध्यक्षता हर 2 वर्ष में किसी नए देश को सौंपी जाती है। भारत 2025-27 के दौरान इसकी अध्यक्षता करेगा।
Article Sources
1 sourceहाल ही में रक्षा मंत्री ने मोरक्को में ‘विदेश में स्थित भारत का पहला रक्षा निर्माण संयंत्र’ का उद्घाटन किया।
- यह फैक्ट्री स्वदेश में विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) 8x8 का उत्पादन करेगी। इसे टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और DRDO ने मिलकर डिज़ाइन किया है।
व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) के बारे में
- यह भारत का पहला एम्फीबियस इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (व्हील्ड) है: इसे बेहतर बचाव क्षमता, सभी प्रकार के इलाकों में संचालन योग्य और अधिक मारक क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है।
- उपयोग की गई महत्वपूर्ण तकनीकें: इसमें इंटीग्रेटेड पावर पैक के साथ ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन, तैरने और आगे बढ़ने की क्षमता शामिल है।
भारतीय नौसेना को स्वदेश में निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर (ASW) पोत ‘आन्द्रोत’ सौंपा गया।
आन्द्रोत के बारे में
- यह आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft:ASW SWC) में से दूसरा पोत है। इन्हें गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (Garden Reach Shipbuilders and Engineers:GRSE), कोलकाता द्वारा बनाया जा रहा है।
- "अर्नाला" आठ ASW SWCs में से पहला था।
- इसका नाम आन्द्रोत द्वीप से लिया गया है, जो लक्षद्वीप का हिस्सा है।
- ये पोत डीजल इंजन-वाटर जेट के संयोजन से संचालित होते हैं। यह अत्याधुनिक हल्के टॉरपीडो और स्वदेशी एंटी-सबमरीन वारफेयर रॉकेट्स से भी लैस है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन को एक्सटेंडेड रेंज अटैक म्यूनिशन (ERAMs) की आपूर्ति को मंजूरी दी है।
ERAMs के बारे में
- यह हवा से प्रक्षेपित की जाने वाली और सटीक रूप से -निर्देशित नेक्स्ट जनरेशन की मिसाइल है।
- मारक क्षमता: 240 से 450 किलोमीटर।
- वारहेड्स: यह अपने साथ 500-पाउंड का उच्च-विस्फोटक वारहेड्स ले जा सकती है, जो मजबूत बंकरों, फ्यूल डिपो, या गोला-बारूद के भंडारण को नष्ट करने में सक्षम है।
- निर्देशन: यह मिसाइल GPS, इनर्शियल नेविगेशन, और एक टर्मिनल सीकर प्रणालियों से युक्त है जो इसे लक्ष्य की ओर सटीक तरीके से निर्देशित कर सकती है। इससे यह लगभग 10 मीटर की सटीकता तक लक्ष्य भेद सकती है।
हाल ही में, केंद्र सरकार, मणिपुर सरकार और उग्रवादी समूहों (कुकी-जो, जोमी और हमार) के बीच त्रिपक्षीय "सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन" (SoO) समझौता नवीनीकृत किया गया।
समझौते के बारे में
- लागू हुआ: यह समझौता 22 अगस्त, 2008 को लागू हुआ था।
- उद्देश्य: राजनीतिक वार्ता शुरू करके दुश्मनी खत्म करना और भारत के संविधान के दायरे में रहते हुए राजनीतिक समाधान खोजना।
पूर्वोत्तर भारत में अन्य शांति समझौते
- नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (सबीर देबबर्मा गुट) समझौता (2019): यह त्रिपुरा के नेशनल लिबरेशन फ्रंट के साथ हस्ताक्षरित हुआ था।
- बोडो समझौता (2020): यह असम के बोडो समूहों के साथ हुआ था। यह समूह मार्च 2020 तक भंग कर दिया गया।
- कार्बी समझौता (2021): यह असम के कार्बी समूहों के साथ हुआ था। इसके तहत 1,000 से अधिक कैडर मुख्यधारा में शामिल हुए।
- अभ्यास ब्राइट स्टार (Exercise Bright Star): सशस्त्र बल और एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय ने बहुपक्षीय अभ्यास ‘ब्राइट स्टार 2025’ में भाग लिया।
- शुरुआत: इस अभ्यास की शुरुआत कैम्प डेविड समझौते (1977) के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और मिस्र के मध्य द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास के रूप में हुई।
- प्रथम संस्करण: 1980, मिस्र में आयोजित।
- विस्तार: 1995 से इसमें कई देशों ने भाग लेना शुरू किया।
- यह क्षेत्र में तीनों सेनाओं के सबसे बड़े बहुपक्षीय सैन्य अभ्यासों में से एक है।
- मैत्री अभ्यास (Exercise Maitree): मैत्री अभ्यास का 14वां संस्करण मेघालय (भारत) में शुरू हुआ।
- इसकी शुरुआत 2006 में हुई थी। यह भारत और थाईलैंड के बीच आयोजित महत्वपूर्ण संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यासों में से एक है।
- यह संयुक्त अभ्यास संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत, अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कंपनी स्तर पर आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित रहेगा।
- अभ्यास ज़ापाड (Exercise Zapad): भारत ने रूस और बेलारूस द्वारा आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास ज़ापाड-2025 में हिस्सा लिया। यह सैन्य अभ्यास रूस में आयोजित किया गया।
- इसकी शुरुआत 1999 में हुई थी। यह बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाला बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास है। यह 2009 से हर चार साल पर आयोजित होता है।
- उद्देश्य: बाहरी खतरों के खिलाफ अपनी रक्षा क्षमता का आकलन करना।
- अभ्यास में शामिल हथियार: इसमें परमाणु-सक्षम हथियारों के साथ प्रशिक्षण शामिल है। इसमें रूस की हाइपरसोनिक जिरकॉन मिसाइल भी शामिल होती है।
- युद्ध अभ्यास (Yudh Abhyas): भारतीय थल सेना की एक टुकड़ी युद्ध अभ्यास 2025 के 21वें संस्करण में भाग ले रही है। यह भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
- वर्ष 2004 से यह संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।
- इसमें संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों और बहु-क्षेत्रीय चुनौतियों के लिए तैयारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- पैसिफिक रीच 2025 (Pacific Reach 2025): भारतीय नौसेना का स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित नवीनतम डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) INS निस्तार सिंगापुर में पैसिफिक रीच 2025 अभ्यास में भाग ले रहा है।
- यह हर दो साल में आयोजित होने वाला बहुपक्षीय अभ्यास है।
- यह अभ्यास दो मुख्य चरणों में आयोजित होता है:
- हार्बर फेज़: इसमें विशेषज्ञों के बीच विचारों का आदान-प्रदान (Subject Matter Expert Exchanges:SMEE), चिकित्सा संगोष्ठी, क्रॉस-डेक विजिट और सबमरीन रेस्क्यू सिस्टम पर विस्तृत चर्चा शामिल होती है।
- समुद्री चरण (Sea Phase): इसमें समुद्र में हस्तक्षेप और बचाव अभियान शामिल होते हैं। इसमें भागीदार देशों के नौसैनिक पोत और उपकरण शामिल होते हैं।
- अभ्यास सियोम प्रहार (Exercise Siyom Prahar): भारतीय थल सेना ने अरुणाचल प्रदेश में सियोम प्रहार अभ्यास का आयोजन किया।
- उद्देश्य: युद्ध जैसी परिस्थितियों में सामरिक अभियानों में ड्रोन के उपयोग को परखना।
- उपयोग किए गए ड्रोन: निगरानी करने वाले, युद्धक्षेत्र की टोह लेने वाले, लक्ष्य तय करने वाले और सटीक हमले करने वाले ड्रोन।
- अभ्यास युद्ध कौशल (Exercise Yudh Kaushal): भारतीय थल सेना ने पूर्वी हिमालय के कामेंग क्षेत्र में ‘युद्ध कौशल 3.0’ अभ्यास आयोजित किया।
'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' नक्सलियों के खिलाफ चलाया गया अब तक का सबसे बड़ा अभियान है। यह अभियान छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चलाया गया।
नक्सल-विरोधी अन्य मिशन
- मिशन संकल्प (Mission Sankalp): यह छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा और आसपास की पहाड़ियों पर शुरू किया गया था।
- ऑपरेशन ग्रीन हंट (Operation Green Hunt): यह 2009 के अंत में शुरू किया गया था। यह पांच राज्यों - पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में चलाया गया था।