परिचय
हाल ही में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में बिग टेक के प्रभुत्व को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि अमेरिकी अदालतें AI के उपयोग सहित गूगल के सर्च में एकाधिकार की जांच कर रही हैं। ठीक इसी दौरान, दो लेखकों ने एप्पल के खिलाफ संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है। इसमें एप्पल पर आरोप लगाया गया है कि इसने बिना अनुमति के, बिना सहमति, क्रेडिट या भुगतान के पायरेटेड डेटासेट में शामिल करके अपने "OpenELM" आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए उनकी पुस्तकों का उपयोग किया है।
ये मामले जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) LLMs (Large Language Models) के प्रशिक्षण में कॉपीराइट सामग्री के उपयोग और इंटरनेट पर डिजिटल एकाधिकार बनाने को लेकर AI कंपनियों के खिलाफ कानूनी चुनौतियों की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाते हैं।
प्रमुख हितधारक और उनके हित
हितधारक | हित/ चिंताएं |
बिग टेक AI कंपनियां |
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कंटेंट क्रिएटर्स |
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उपभोक्ता |
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सरकारें |
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समग्र समाज |
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AI LLMs के संचालन के संबंध में नैतिक चिंताएं क्या हैं?
- डिजिटल एकाधिकार और अनुचित प्रतिस्पर्धा: प्रमुख AI कंपनियों (गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, OpenAI) पर डेटा, एल्गोरिदम और बाजारों पर नियंत्रण जैसे प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार के आरोप हैं, जो छोटी कंपनियों को दबाते हैं और निष्पक्षता, समान अवसर और वितरणात्मक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं।
- उदाहरण के लिए, फ़ोन में डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन के रूप में गूगल का प्रभुत्व कंपनी के लिए एक डिजिटल एकाधिकार बनाता है।
- कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights: IPR) का उल्लंघन: लेखकों के सम्मान और उचित मुआवजे की निष्पक्षता जैसे मुद्दे सामने आए हैं।
- यह कांट के कर्तव्य के सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है, जिसमें क्रिएटर्स को केवल उनके कंटेंट के उपयोग का साधन न मानकर, बल्कि उन्हें AI के प्रशिक्षण के लिए उचित मुआवजा दिए बिना, केवल एक लक्ष्य के रूप में माना जाए।
- उदाहरण के लिए, AI मॉडल बिना उचित अनुमति के पुस्तकों, लेखों, संगीत, कलाकृतियों, कोड आदि का उपयोग करते हैं, जिससे छोटे कंटेंट क्रिएटर्स के राजस्व स्रोत प्रभावित होते हैं।
- गोपनीयता और संवेदनशील जानकारी: यदि अप्रकाशित शोध, रोगियों के रिकॉर्ड या व्यावसायिक डॉक्यूमेंटस जैसी संवेदनशील जानकारी अपलोड की जाती है, तो विश्वास भंग, सहमति की कमी और पारदर्शिता मानकों के उल्लंघन का खतरा उत्पन्न होता है।
- उदाहरण के लिए, दक्षिण कोरिया ने चीनी AI ऐप डीपसीक (DeepSeek) के नए डाउनलोड निलंबित कर दिए, क्योंकि कंपनी ने स्वीकार किया कि उसने देश के गोपनीयता नियमों का पूर्णतः पालन नहीं किया था।
- सार्वजनिक ज्ञान का निजीकरण: एकाधिकार वाली कंपनियां स्वतंत्र रूप से उपलब्ध डेटा को स्वामित्व वाले उत्पादों में बदल देती हैं।
- उदाहरण के लिए, विकिपीडिया के डेटा का उपयोग बिना किसी स्वीकृति के AI प्रशिक्षण के लिए किया जा रहा है।
- कॉर्पोरेट लाभ बनाम नैतिकता: जब कंपनियां बाजार में प्रभुत्व हासिल करने के लिए क्रिएटर्स के अधिकारों और सामाजिक न्याय की अनदेखी करती हैं, तो यह कॉर्पोरेट नैतिकता में नैतिक सत्यनिष्ठा की कमी को दर्शाता है।
- नॉर्थ-साउथ विभाजन: ग्लोबल साउथ के क्रिएटर्स की कृतियों का उपयोग बिना सुरक्षा उपायों के किया जाता है, जबकि ग्लोबल नॉर्थ की कंपनियां अधिकतर लाभ कमाती हैं। यह डिजिटल उपनिवेशवाद और आर्थिक असमानता को गहरा करता है।
AI LLMs संचालन के विनियमन की स्थिति क्या है?भारत में
वैश्विक स्तर पर
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आगे की राह
- विधिक फ्रेमवर्क को मजबूत करना: यूरोपीय संघ के AI अधिनियम जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप एक व्यापक AI कानून लागू करना चाहिए। इसमें AI प्रशिक्षण और परिनियोजन में सहमति, लाइसेंसिंग, बौद्धिक संपदा अधिकार, दायित्व और जवाबदेही को शामिल किया जाए।
- न्यायसंगत उपयोग और मुआवज़े को बढ़ावा देना: यह सुनिश्चित करने के लिए एक निष्पक्ष डेटा लाइसेंसिंग व्यवस्था बनानी चाहिए, ताकि लेखकों, संगीतकारों, कोडर्स जैसे क्रिएटर्स को श्रेय और मुआवजा मिल सके।
- प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना और एकाधिकार को रोकना:
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को AI बाजारों में प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रणालियों की निगरानी करने का अधिकार देना।
- ओपन-सोर्स AI मॉडल और पब्लिक डेटा कॉमन्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि बिग टेक कंपनियों के डिजिटल एकाधिकार का संतुलन बनाया जा सके।
- गोपनीयता और संवेदनशील डेटा की सुरक्षा: AI कंपनियों के लिए डेटा को गुमनाम करना, सहमति-आधारित पहुंच और स्वतंत्र ऑडिट को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। गोपनीयता उल्लंघन और डेटा के दुरुपयोग पर कठोर दंडात्मक प्रावधान लागू किए जाने चाहिए।
- ज्ञान और पहुंच का लोकतंत्रीकरण:
- ओपन रिसर्च डेटाबेस जैसी पब्लिक डिजिटल गुड्स की सुरक्षा करना चाहिए।
- नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए AI साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए।
- कॉर्पोरेट लाभ और नैतिक उत्तरदायित्व के बीच संतुलन: चिकित्सा नैतिकता समितियों की तरह, AI कंपनियों में आंतरिक नैतिकता समीक्षा बोर्ड स्थापित करना चाहिए।
- वैश्विक संधि:
- समान लाभ-साझाकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत AI शासन पर एक वैश्विक संधि की सिफारिश करनी चाहिए।
- AI अनुसंधान, ओपन डेटासेट्स और डिजिटल अवसंरचना पर दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।
- भारत में संस्थागत क्षमता का निर्माण:
- विभिन्न क्षेत्रों में समन्वय के लिए एक राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता नियामक प्राधिकरण की स्थापना करना चाहिए।
- नैतिक और स्वदेशी AI विकास को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए।
निष्कर्ष
जनरेटिव AI में परिवर्तनकारी क्षमताएं हैं, लेकिन अनियंत्रित एकाधिकार, बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन और गोपनीयता संबंधी जोखिम न्याय और समानता के लिए खतरा है। मजबूत विनियमन, नैतिक नवाचार और वैश्विक सहयोग के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण होना आवश्यक है, ताकि AI शोषण का नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का साधन बन सके।
प्रश्न (केस स्टडी)हाल ही में एक बड़ी वैश्विक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी पर यह आरोप लगाया गया है कि उसने अपनी लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स को प्रशिक्षित करने के लिए पुस्तकों, समाचार लेखों और ऑनलाइन कंटेंट बिना अनुमति उपयोग किया है। कई लेखकों और छोटे कंटेंट क्रिएटर्स का दावा है कि उनकी बौद्धिक संपदा का इस्तेमाल बिना उनकी सहमति, श्रेय या मुआवजे के किया गया है। उनका तर्क है कि यह प्रणाली न केवल कॉपीराइट का उल्लंघन करती है, बल्कि अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा करके उनकी आजीविका के साधनों को भी खतरे में डालती है। हालांकि, कंपनी का तर्क है कि AI विकास के लिए विशाल डेटासेट की आवश्यकता होती है और डेटा को सीमित करने से नवाचार की गति धीमी हो जाएगी। उनके मॉडल अप्रत्यक्ष रूप से समाज को लाभ पहुंचाते हैं, क्योंकि वे लाखों लोगों को मुफ्त या कम लागत वाले AI उपकरण प्रदान करते हैं। कंपनी का कहना है कि सख्त कॉपीराइट प्रतिबंध कुछ बड़े प्रकाशकों को एकाधिकार शक्ति प्रदान कर सकते हैं, जिससे ज्ञान के लोकतंत्रीकरण में बाधा आ सकती है। आप भारत में एक नीति निर्माता हैं और आपको इस उभरते हुए मुद्दे पर एक नैतिक और विनियामक प्रतिक्रिया तैयार करने का कार्य सौंपा गया है। a) इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिए। b) एक नीति निर्माता के रूप में नैतिक शासन के कौन से सिद्धांत आपके निर्णय का मार्गदर्शन करेंगे? c) एक संतुलित कार्यवाही का सुझाव दीजिए जो नवाचार और क्रिएटर्स के अधिकारों की सुरक्षा दोनों को सुनिश्चित करें। d) भविष्य में ऐसी नैतिक दुविधाओं से बचने के लिए AI कंपनियों को अपनी कार्यप्रणाली में किन मूल्यों को बनाए रखना चाहिए? |