अंतर्राष्ट्रीय ऋण रिपोर्ट (IDR), 2024 में उन निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMICs) के बाह्य ऋण के आंकड़े एवं विश्लेषण शामिल हैं, जो विश्व बैंक के डेब्टर रिपोर्टिंग सिस्टम (DRS) को रिपोर्ट करते हैं।
- बढ़ता हुआ बाह्य ऋण: निम्न और मध्यम आय वाले देशों का कुल बाह्य ऋण 2023 में 2.4% बढ़कर 8.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।
ऋणग्रस्तता को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार कारक
- उच्च ब्याज दरें: उच्च आय वाले देशों में सख्त मौद्रिक नीतियों के कारण ब्याज दरें 20 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
- बांग्लादेश और भारत में 2023 में ब्याज भुगतान 90% से अधिक बढ़ गया था।
- अन्य कारक: इसमें मुद्रास्फीति, मुद्रा के मूल्य में गिरावट तथा सशस्त्र संघर्षों और व्यापार में व्यवधान के कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता शामिल हैं।
- बढ़ते ऋण का प्रभाव: इसके कारण स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रकों के बजट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
आगे की राह
यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (पूर्ववर्ती UNCTAD) ने संधारणीय और समावेशी ऋण समाधान के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:
- वैश्विक वित्तीय सुधार: इसके तहत व्यापक ऋण संकट को रोकने और समावेशी वित्तीय प्रणाली बनाने के लिए व्यापक सुधार करने चाहिए।
- शोषणकारी ऋण से बचाव: इसके लिए रियायती वित्त-पोषण को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही, ऋणदाताओं और उधारकर्ताओं के बीच सूचना संबंधी असमानता को कम करना चाहिए तथा शोषणकारी ऋण प्रणालियों को हतोत्साहित करना चाहिए।
- संकट के दौरान लचीलापन: संकट के दौरान पुनर्भुगतान को कुछ समय तक रोकने के लिए क्लाइमेट-रेसिलिएंट ऋण प्रावधानों और स्थगन नियमों को लागू करना चाहिए।
- बेहतर पुनर्गठन प्रणाली: संप्रभु ऋण प्रबंधन का मार्गदर्शन और समन्वय करने के लिए स्वचालित पुनर्गठन नियम लागू करने चाहिए तथा एक वैश्विक ऋण प्राधिकरण की स्थापना करनी चाहिए।