इसे फैज अहमद किदवई की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है।
- इसका उद्देश्य देश में एक सक्षम कृषि विपणन इकोसिस्टम का निर्माण करना है। इससे सभी श्रेणियों के किसानों को अपनी पसंद के बाजार तक पहुंच प्राप्त करके अपनी उपज का सर्वोत्तम मूल्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
इस ड्राफ्ट फ्रेमवर्क के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- अधिकार प्राप्त कृषि विपणन सुधार समिति का गठन करना: इसमें राज्य कृषि मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्यों के बीच आम सहमति बनाते हुए एकल लाइसेंसिंग/ पंजीकरण प्रणाली और एकल शुल्क के माध्यम से कृषि उपज के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार की दिशा में आगे बढ़ना है।
- GST पर अधिकार प्राप्त समिति की तरह, इसकी अध्यक्षता राज्यों के कृषि मंत्रियों द्वारा बारी-बारी से की जा सकती है।
- किसान और बाजार के मध्य संपर्क को सुधारना: आवश्यकता के आधार पर काफी संख्या में गोदामों/ कोल्ड स्टोरेज को सब-मार्केट यार्ड्स के रूप में घोषित किया जाएगा। साथ ही, कृषि उपज बाजार समिति (APMC) बाजारों से परे भी ई-नाम (eNAM) का विस्तार और समेकन किया जाएगा। उदाहरण के लिए सब-मार्केट यार्ड्स तक विस्तार किया जाएगा।
- कृषि उपज बाजार समितियों (APMCs) में सुधार करना: APMCs को अपनी आय में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए APMCs को अत्यधिक बाजार शुल्क और अलग-अलग नाम से अन्य शुल्क/ उपकर लगाने की बजाय नई कृषि उपज को अधिसूचित करना चाहिए; खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए आदि।
- अन्य:
- निजी क्षेत्रक की भागीदारी के साथ AI, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी आदि का उपयोग करके मूल्य श्रृंखला केंद्रित बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
- किसानों को बुवाई के समय ही सुनिश्चित आय प्रदान करने के लिए मूल्य बीमा योजना शुरू की जाएगी।
- कृषि मंडी की प्रक्रियाओं का डिजिटल स्वचालन करके तथा व्यापारियों, निजी कृषि मंडी संचालकों आदि को डिजिटल रूप से लाइसेंस/ पंजीकरण प्रदान करके कृषि आधारित व्यापार को सुगम बनाया जाएगा।
भारत में कृषि विपणन
|