प्रधान मंत्री ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने पर जोर दिया | Current Affairs | Vision IAS
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प्रधान मंत्री ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने पर जोर दिया

Posted 17 Dec 2024

11 min read

संविधान सभा के विचारों पर प्रकाश डालते हुए प्रधान मंत्री ने धर्म के आधार पर मौजूदा अलग-अलग पर्सनल लॉज़ के स्थान पर एक “पंथ-निरपेक्ष नागरिक संहिता” की आवश्यकता पर बल दिया है।

समान नागरिक संहिता (UCC) के बारे में 

  • परिचय: समान नागरिक संहिता (UCC) एक ऐसे एकल कानून को कहते हैं, जो सभी नागरिकों पर उनके व्यक्तिगत मामलों (जैसे- विवाह, तलाक, गोद लेने और विरासत) पर लागू होता है।
    • यह संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आता है। इस अनुच्छेद के अनुसार राज्य भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास करेगा।
  • मौजूदा स्थिति: हाल ही में, उत्तराखंड UCC (2024) को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इसके अलावा, गोवा में पुर्तगाली नागरिक संहिता, 1867 के माध्यम से समान प्रावधान लागू हैं।

UCC की आवश्यकता क्यों है?

  • राष्ट्र की एकता और अखंडता को बढ़ावा देना: इससे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाली प्रथाओं की समाप्ति होगी।
  • भारत की सामाजिक व्यवस्था में सुधार करना: इससे महिलाओं के साथ भेदभाव करने वाली और अन्यायपूर्ण प्रथाओं को समाप्त किया जा सकेगा।
  • एकरूपता को बढ़ावा देना: यह आपराधिक कानूनों की तरह धर्म से निरपेक्ष सब पर समान रूप से लागू होगी।

UCC के कार्यान्वयन के समक्ष चुनौतियां

  • संविधान के सुरक्षात्मक प्रावधानों के विरुद्ध: पांचवी और छठी अनुसूची में अनुसूचित एवं जनजातीय क्षेत्रों के लिए उनकी परंपरागत प्रथाओं को संरक्षित करने हेतु अलग प्रावधान किए गए हैं।
  • सैद्धांतिक मतभेद: समान नागरिक संहिता पर इस विश्वास के आधार पर आपत्तियां उठ सकती हैं कि यह समुदायों की परंपराओं और धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करती है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो बेगम (1985), सरला मुद्गल (1995) आदि मामलों में पर्सनल लॉज़ से उत्पन्न समस्याओं के समाधान हेतु समान नागरिक संहिता (UCC) की आवश्यकता पर बल दिया था। हालांकि, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि अलग-अलग समुदायों की भावनाओं से सामंजस्य स्थापित करते हुए इसे लागू किया जाना चाहिए।

UCC के पक्ष में कुछ विचार

  • के.एम. मुंशी: समान नागरिक संहिता संविधान की पंथनिरपेक्षता को कायम रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर: UCC समुदायों के बीच सौहार्द स्थापित करेगी।
  • Tags :
  • UCC
  • समान नागरिक संहिता
  • अनुच्छेद 44
  • शाह बानो बेगम
  • सरला मुद्गल
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