रिपोर्ट में बताया गया है कि 2023-24 के बजट में कच्चे तेल के भंडारण के लिए 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में कच्चे तेल के भंडारण पर कोई खर्च नहीं किया गया।
भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (Strategic Petroleum Reserve) के बारे में
- शुरुआत: भारत सरकार ने रणनीतिक तौर पर कच्चे तेल के भंडारण के लिए वर्ष 2004 में रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
- संस्था: इसे भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
- SPR कार्यक्रम के दो चरण:
- चरण-I: इस कार्यक्रम के पहले चरण के तहत विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पादूर में कुल 5.33 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कच्चे तेल का भंडारण करने के लिए भंडारण सुविधाएं विकसित की गई हैं। इनमें से पादूर में सबसे अधिक भंडारण क्षमता है।
- चरण-II: 2021 में, सरकार ने ओडिशा के चांदीखोल (4 MMT) और कर्नाटक के पादुर (2.5 MMT) में दो अतिरिक्त वाणिज्यिक-सह-रणनीतिक तेल भंडारण केंद्रों को मंजूरी दी।
- भारत में कच्चे तेल की कुल भंडारण क्षमता:
- भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) का रणनीतिक भंडारण 9.5 दिनों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
- तेल कंपनियों द्वारा वाणिज्यिक भंडारण 64.5 दिनों की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
- चरण-II में 11 अतिरिक्त दिनों की आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना है। इससे भारत रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण के मामले में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के 90 दिन के मानक के करीब पहुंच जाएगा।
रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) का सामरिक महत्त्व
- अंतर्राष्ट्रीय मूल्य स्थिरीकरण के लिए रणनीतिक साधन:
- उदाहरण: तेल की कीमतों को कम करने के लिए 2021 में विश्व के बड़े तेल उपभोक्ता देशों के साथ मिलकर भारत ने अपने रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व से 5 मिलियन बैरल तेल की आपूर्ति बाजार में की थी।
- भारत की ऊर्जा सुरक्षा और कूटनीतिक शक्ति में वृद्धि:
- उदाहरण: 2017 में UAE की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार में कच्चे तेल का भंडारण करने वाली पहली विदेशी कंपनी बन गई।
भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) के बारे में
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