पहली बार भारतीय समुद्र विज्ञानियों ने एक सक्रिय हाइड्रोथर्मल वेंट की इमेज कैप्चर की | Current Affairs | Vision IAS
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पहली बार भारतीय समुद्र विज्ञानियों ने एक सक्रिय हाइड्रोथर्मल वेंट की इमेज कैप्चर की

Posted 20 Dec 2024

9 min read

यह खोज हाइड्रोथर्मल एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के तहत की गई है। इसे राष्ट्रीय ध्रुवीय और समुद्री  अनुसंधान केंद्र (NCPOR) तथा राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) ने मिलकर संचालित किया था।

  • यह हाइड्रोथर्मल वेंट हिंद महासागर की सतह से 4,500 मीटर नीचे स्थित है।
  • यह स्थान डीप ओशन मिशन के तहत खनिज अन्वेषण के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

हाइड्रोथर्मल वेंट्स के बारे में

  • हाइड्रोथर्मल वेंट्स समुद्र के भीतर के ऐसे स्रोत होते हैं, जहां समुद्र नितल के पास मौजूद ठंडा पानी मैग्मा के संपर्क में आता है।
    • जब ठंडा पानी समुद्र नितल पर मौजूद दरारों व छिद्रों से होकर रिसता है और मैग्मा से मिलता है, तो वह गर्म हो जाता है।
    • यह गर्म पानी आसपास की चट्टानों से खनिजों को घोलकर हाइड्रोथर्मल प्लूम्स के रूप में बाहर निकलता है। ये प्लूम्स ट्रेस मेटल्स, गैसों और खनिजों से समृद्ध होते हैं।
  • विश्व में हाइड्रोथर्मल वेंट्स मध्य-महासागरीय कटक प्रणाली में पाए जाते हैं।
  • ये विविध पारिस्थितिक-तंत्रों और सूक्ष्मजीव समुदायों को आश्रय देते हैं तथा गहरी समुद्री दशाओं में खाद्य जाल की आधारशिला के रूप में कार्य करते हैं।

डीप ओशन मिशन के बारे में

  • इसे 5 वर्ष की अवधि के लिए 4077 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ 2021 में स्वीकृत किया गया है।
  • नोडल मंत्रालय: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय।
  • प्रमुख घटक:
    • गहरे समुद्र में खनन और मानवयुक्त पनडुब्बियों के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास करना;
    • महासागरीय जलवायु परिवर्तन संबंधी परामर्श सेवाओं का विकास करना;
    • गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज और उसके संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार करना;
    • गहरे महासागर का सर्वेक्षण और अन्वेषण करना;
    • महासागर से ऊर्जा और पेय जल बनाने की तकनीकों का विकास करना;
    • महासागरीय जीव विज्ञान के लिए उन्नत समुद्री स्टेशन स्थापित करना।
  • Tags :
  • डीप ओशन मिशन
  • हाइड्रोथर्मल एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम
  • NCPOR
  • NIOT
  • हाइड्रोथर्मल वेंट्स
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