फैशन और निर्माण क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखलाओं को नई दिशा देने की पहल | Current Affairs | Vision IAS
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    साथ ही खबरों में

    Posted 16 Dec 2024

    44 min read

    फैशन और निर्माण क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखलाओं को नई दिशा देने की पहल

    हाल ही में भारत ने सात अन्य देशों के साथ मिलकर फैशन और निर्माण उद्योगों के लिए एक नई पहल शुरू की है। 

    नई पहल के बारे में 

    • इसे वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) द्वारा वित्त-पोषित “आपूर्ति श्रृंखलाओं से खतरनाक रसायनों को खत्म करने के लिए एकीकृत कार्यक्रम” से फंड प्राप्त होगा। 
      • यह 6 साल का कार्यक्रम है। 
    • पहल के सदस्य: कंबोडिया, कोस्टा रिका, इक्वाडोर, भारत, मंगोलिया, पाकिस्तान, पेरू तथा त्रिनिदाद एंड टोबैगो।
    • उद्देश्य: आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार लाकर फैशन (वस्त्र) और निर्माण उद्योगों को बदलना, ताकि इन क्षेत्रकों से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को कम किया जा सके।
      • यह पहल निम्नलिखित प्रयासों को बढ़ावा देगी:
        • रिजेनरेटिव डिजाइन, 
        • गैर-नवीकरणीय सामग्रियों की जगह नवीकरणीय सामग्रियों का उपयोग;
        • उत्पादन में संसाधन दक्षता।
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    • वैश्विक पर्यावरण सुविधा
    • फैशन और निर्माण क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला
    • GEF

    मैंगनीज (Mn)

    वैज्ञानिकों के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, पानी में मैंगनीज (Mn) संदूषण की वजह से बिहार राज्य में गंगा के मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों में कैंसर हो रहा है।

    मैंगनीज (Mn) के बारे में 

    • पृथ्वी पर पाए जाने वाली धातुओं की सूची में मैंगनीज का पांचवां स्थान है। यह मुख्यतः ऑक्साइड, कार्बोनेट और सिलिकेट के रूप में पाई जाती है। 
      • मैंगनीज इस्पात बनाने की प्रक्रिया का एक अनिवार्य घटक है।
    • यह भोजन, जल, मृदा और चट्टान में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले घटक के रूप में मौजूद है।
    • यह एक ‘एसेंशियल ट्रेस एलिमेंट’ है जो शरीर के होमियोस्टैसिस (आंतरिक संतुलन) को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • इसकी उच्च मात्रा मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
    • भूजल में Mn संदूषण का स्रोत: 
      • मानवजनित: औद्योगिक प्रदूषण 
      • जियोजेनिक: Mn का तलछटी या आग्नेय चट्टानों में जमाव।
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    • मैंगनीज
    • Mn
    • एसेंशियल ट्रेस एलिमेंट

    केर्च जलडमरूमध्य या केर्च स्ट्रेट

    हाल ही में, तूफान की वजह एक रूसी टैंकर टूट गया। इससे केर्च स्ट्रेट जलमार्ग में तेल का रिसाव हो गया।

    • दो भूखंडों के बीच के संकरे जलमार्ग को स्ट्रेट यानी जलडमरूमध्य कहा जाता है। इस तरह का जलमार्ग दो बड़े जल निकायों, जैसे कि दो सागरों को जोड़ता है।

    केर्च स्ट्रेट के बारे में

    • अवस्थिति: यह क्रीमिया प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में स्थित है। यह काला सागर और आज़ोव सागर को जोड़ता है।  
    • महत्त्व: इसी जलडमरूमध्य के माध्यम से रूस में उत्पादित अनाज, कच्चे तेल, ईंधन, LNG आदि का मुख्य रूप से निर्यात होता है।
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    • केर्च जलडमरूमध्य
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    • केर्च स्ट्रेट जलमार्ग

    चिडो चक्रवात (Cyclone Chido)

    मोजाम्बिक के काबो डेलगाडो प्रांत की राजधानी पेम्बा और फ्रांसीसी ओवरसीज क्षेत्र ‘मायोट’ में ‘चिडो’ चक्रवात का लैंडफॉल हुआ।

    चिडो चक्रवात के बारे में

    • चक्रवात कम वायुदाब वाले क्षेत्र के आसपास वायुमंडलीय विक्षोभ के कारण उत्पन्न होते हैं। चक्रवात के दौरान वायु परिसंचरण तेज और प्रबल हो जाता है। ये हवाएं कई बार विनाशकारी साबित होती हैं।
    • उष्णकटिबंधीय विक्षोभ चिडो दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर बेसिन में उत्पन्न हुआ था।
    • चक्रवात चिडो पिछले 90 वर्षों में मायोट द्वीप पर आने वाला सर्वाधिक तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवात था।
    • इसे श्रेणी-4 के चक्रवात के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इस श्रेणी के चक्रवात में हवा की गति 220 किलोमीटर प्रति घंटा या 136 मील प्रति घंटे से अधिक होती है।

    चक्रवातों की अन्य श्रेणियां

    • श्रेणी-1: हवा की गति 120-150 कि.मी./घंटा; 
    • श्रेणी-2: हवा की गति 150-180 कि.मी./घंटा; 
    • श्रेणी-3: हवा की गति 180-210 कि.मी./घंटा; और 
    • श्रेणी-5: हवा की गति 250 कि.मी./घंटा और उससे अधिक।
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    “क्रॉसरोड्स ऑफ पीस” पहल

    हाल ही में भारत-ईरान-आर्मेनिया के बीच त्रिपक्षीय परामर्श वार्ता संपन्न हुई। 

    • इस वार्ता के दौरान आर्मेनिया के प्रतिनिधियों ने अपनी कनेक्टिविटी पहल, “क्रॉसरोड्स ऑफ पीस” के बारे में जानकारी दी।

    “क्रॉसरोड्स ऑफ पीस” पहल के बारे में

    • यह एक महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना है। इसका उद्देश्य आर्मेनिया को उसके पड़ोसी देशों से अलग-अलग कनेक्टिविटी नेटवर्क से जोड़ना है।
      • आर्मेनिया के पड़ोसी देश हैं- तुर्की, अजरबैजान, ईरान और जॉर्जिया
    • उद्देश्य: इन देशों के बीच सड़क, रेलवे, पाइपलाइन, केबल और बिजली लाइन जैसी महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं का विकास और उनमें सुधार करना है। इससे इन देशों के बीच वस्तुओं, ऊर्जा और यात्रियों की सुविधाजनक आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी।
    • इस पहल का उद्देश्य कैस्पियन सागर को भूमध्य सागर से और फारस की खाड़ी को काला सागर से आसान और अधिक दक्ष परिवहन लिंक के माध्यम से जोड़ना है।
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    • भारत-ईरान-आर्मेनिया
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    डायमंड कूलिंग

    हाल ही में, एक प्रतिष्ठित क्लाउड प्रोवाइडर फर्म ने AI हेतु डायमंड कूलिंग सिस्टम के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

    डायमंड कूलिंग टेक्नोलॉजी के बारे में

    • आकाश सिस्टम्स द्वारा विकसित इस नवीनतम सेमीकंडक्टर चिप में 2200 W/mK की उच्च थर्मल चालकता वाला सिंथेटिक डायमंड एकीकृत किया गया है। यह उच्च थर्मल चालकता चिप को अधिक कुशलता से ठंडा रखने में मदद करती है।
    • इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं: 
      • ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) चिप्स से हीट को कम करना,
      • थर्मल थ्रॉटलिंग को कम करना, और 
      • चिप्स की ओवरक्लॉकिंग क्षमताओं को 25% तक बढ़ाना।
    • इसके निम्नलिखित फायदे हैं: 
      • यह ऊर्जा दक्षता में सुधार करती है, 
      • GPU हॉटस्पॉट तापमान को 10°-20°C तक कम करती है, 
      • पंखे की ऊर्जा खपत में 90% तक कमी लाती है, और 
      • डेटा सेंटर्स में संधारणीयता को बढ़ावा देती है।
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    • डायमंड कूलिंग
    • आकाश सिस्टम्स
    • ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट

    डिजीज एक्स (Disease X)

    डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में हाल ही में फैले एक रहस्यमयी रोग के कारण डिजीज एक्स के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है।

    डिजीज एक्स के बारे में

    • यह एक काल्पनिक रोग को संदर्भित करता है। इसमें एक ऐसा अज्ञात रोगजनक होता है जिसमें वैश्विक महामारी पैदा करने की क्षमता होती है।
      • डिजीज एक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2018 में प्राथमिकता वाले रोग की सूची में शामिल किया था। यह सूची उभरती बीमारियों के जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार की गई है। 
      • कोविड-19 को डिजीज एक्स का पहला उदाहरण माना जाता है।

    डिजीज एक्स का अनुमान लगाने से जुड़ी चुनौतियां 

    • अत्यंत जटिल उद्भव: जैसे कि एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध, जैविक हथियारों का खतरा, प्रयोगशालाओं में दुर्घटनावश संक्रमण फैलना, आदि।
    • जलवायु परिवर्तन के कारण वेक्टर जनित रोगों, विशेष रूप से मलेरिया के भौगोलिक दायरे में परिवर्तन हो रहा है।
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    • विश्व स्वास्थ्य संगठन
    • डिजीज एक्स

    डेजर्ट नाइट युद्धाभ्यास 2024

    भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अरब सागर के ऊपर “डेजर्ट नाइट” युद्धाभ्यास आयोजित किया।

    डेजर्ट नाइट युद्धाभ्यास के बारे में

    • यह त्रिपक्षीय हवाई युद्धाभ्यास है। इसका उद्देश्य जटिल युद्ध स्थितियों में तीनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल को बढ़ावा देने का अभ्यास करना था।
      • इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना (IAF) के सुखोई-30MKI और जगुआर जैसे विमानों ने भाग लिया।
      • फ्रांसीसी राफेल जेट और UAE के F-16 लड़ाकू विमानों को UAE के अल धफरा एयरबेस पर तैनात किया गया था।
    • यह युद्धाभ्यास इंडो-पैसिफिक और फारस की खाड़ी जैसे महत्वपूर्ण सामरिक क्षेत्रों में तीनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करेगा।
    • Tags :
    • डेजर्ट नाइट युद्धाभ्यास
    • UAE
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    • सुखोई-30MKI

    बिरहोर जनजाति

    झारखंड की बिरहोर जनजाति पहली बार बाल विवाह के खिलाफ आंदोलन में सम्मिलित हुई।

    बिरहोर जनजाति के बारे में

    • यह जनजाति विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) में सूचीबद्ध है। यह एक अर्ध-घुमंतू जनजातीय समुदाय है। इसके अधिकतर सदस्य भरण-पोषण के लिए मुख्यतः वनों पर निर्भर हैं।
    • यह जनजाति बिरहोर भाषा बोलती है, जो ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा परिवार की भाषाओं के मुंडा समूह से संबंधित है।
      • इनकी भाषा संताली, मुंडारी और हो भाषा से मिलती-जुलती है।
    • यह जनजाति झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पाई जाती है।
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    • PVTG
    • बिरहोर जनजाति
    • अर्ध-घुमंतू जनजातीय समुदाय

    चरक/ CHARAK (कम्युनिटी हेल्थ: ए रेस्पोंसिव एक्शन फॉर कोयलांचल) पहल

    कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में, कोल इंडिया की सिंगरौली स्थित शाखा नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने ‘चरक’ पहल का शुभारंभ किया है।

    चरक पहल के बारे में

    • इसका उद्देश्य सिंगरौली क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित उन रोगियों का मुफ्त में इलाज करना है, जो चिन्हित जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं।
    • इसके अंतर्गत कैंसरजनक स्थिति, टीबी और संबंधित जटिलताएं, HIV और उससे संबंधित जटिलताएं, अंग प्रत्यारोपण, तंत्रिका संबंधी विकार, संयोजी ऊतक विकार आदि शामिल हैं।

    सिंगरौली कोयला क्षेत्र के बारे में

    • यह क्षेत्र मध्य भारत में सोन महानदी मास्टर बेसिन के सबसे उत्तरी भाग में स्थित है। 
    • इसका अधिकांश हिस्सा मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में पड़ता है और एक छोटा सा हिस्सा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पड़ता है।
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    • सिंगरौली कोयला क्षेत्र
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