1 जनवरी, 2025 से स्विट्जरलैंड भारत के साथ अपने दोहरे कराधान परिहार समझौते (DTAA) में MFN क्लॉज को निलंबित कर देगा।
- सुप्रीम कोर्ट का 2023 का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था कि यदि भारत ने किसी देश के साथ टैक्स का समझौता उस देश के OECD में शामिल होने से पहले किया है, तो MFN क्लॉज स्वतः लागू नहीं होगा।
- DTAA की अधिसूचना जरूरी: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी देश के साथ DTAA तब तक लागू नहीं हो सकता, जब तक इसे आयकर अधिनियम, 1961 के तहत अधिसूचित न किया जाए।
- भारत-स्विट्जरलैंड DTAA: यह कर संधि 1994 में लागू हुई थी, जिसका उद्देश्य आय पर दोहरे कराधान से बचाव करना था।
MFN क्लॉज के निलंबन के प्रभाव
- भारतीय कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा: भारतीय कंपनियों के लिए स्विट्जरलैंड में अर्जित लाभांश पर विदहोल्डिंग टैक्स 5% से बढ़कर 10% हो जाएगा।
- भारत में स्विस निवेश पर प्रभाव: भारत-स्विट्जरलैंड DTAA के अनुसार, अब भारत से लाभांश प्राप्त करने वाली स्विस कंपनियों पर भी 10% की दर से विदहोल्डिंग टैक्स लगेगा।
- अन्य देशों द्वारा MFN क्लॉज का पुनर्मूल्यांकन: भारत के साथ किए गए कर समझौतों में MFN क्लॉज के प्रभाव और लागू होने के तरीके को लेकर अन्य देशों द्वारा पुनर्विचार की संभावना उत्पन्न हो सकती है।
- अन्य प्रभाव: MFN क्लॉज का निलंबन मुख्य रूप से लाभांश पर टैक्स रेट से संबंधित है। इसलिए, DTAA से संबंधित अन्य लाभों या EFTA (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ) निवेशों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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