“जलवाहक” योजना का उद्देश्य लागत प्रभावी तरीके से अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से कार्गो की सुरक्षित और समय पर आवाजाही सुनिश्चित करना तथा व्यावसायिक उद्यमों को प्रोत्साहित करना है।
- साथ ही, इस योजना के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग (NW)-1, NW-2 और NW-16 पर संधारणीय एवं लागत प्रभावी परिवहन को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जाएगा।
“जलवाहक” योजना के बारे में
- मंत्रालय: केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
- इस योजना को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) और भारतीय शिपिंग कॉर्पोरेशन की एक सहायक कंपनी इनलैंड एंड कोस्टल शिपिंग लिमिटेड (ICSL) द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा।
- उद्देश्य: जलवाहक योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क और रेल मार्ग के बजाए माल ढुलाई के लिए जलमार्गों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, 800 मिलियन टन किलोमीटर की मोडाल शिफ्ट को प्रोत्साहित करने के लिए 95.4 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- समय सीमा: यह योजना शुरू में 3 वर्ष के लिए आरंभ की गई है।
- रूट यानी प्रमुख मार्ग: योजना के तहत, भारत के प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्गों और अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल मार्गों पर निश्चित दिनों पर नौकायन सेवाएं चलाई जाएंगी। इसके लिए प्रमुख मार्ग निम्नलिखित हैं:
- NW-1: कोलकाता-पटना-वाराणसी-पटना-कोलकाता खंड के बीच,
- NW-2: कोलकाता और गुवाहाटी में पांडु के बीच, तथा
- NW-16: इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट (IBPR) के माध्यम से कार्गो संचालन।
- प्रोत्साहन: इस योजना के तहत, कार्गो को जलमार्ग से ढोने पर होने वाले कुल खर्च का 35 प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाएगा।
- मानदंड: योजना के तहत उन व्यापारिक संस्थाओं को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों का उपयोग करके माल का परिवहन करती हैं।
- योजना का महत्त्व:
- लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी,
- सड़क एवं रेल मार्ग पर भीड़ कम होगी, और
- संधारणीयता को बढ़ावा मिलेगा।
भारत में अंतर्देशीय जलमार्ग
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