पुरातात्विक स्थलों के अमर चिह्नों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं | Current Affairs | Vision IAS
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पुरातात्विक स्थलों के अमर चिह्नों के संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं

Posted 15 Feb 2025

11 min read

जलवायु परिवर्तन और चरम-मौसम के पैटर्न भारत के विरासत स्थलों के समक्ष गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।

  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सांस्कृतिक विरासत स्थलों के संरक्षण के लिए जलवायु अनुकूल उपायों के साथ-साथ कई कानूनी और सुरक्षा पहलों को भी अपना रहा है।

ASI पर्यावरणीय क्षति से सांस्कृतिक स्थलों की रक्षा कैसे कर रहा है?

  • वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग: रासायनिक, जैव-रोधी (Biocidal) और जल-प्रतिरोधी (Hydrophobic) तकनीक अपनाई जा रही हैं।
  • इसरो (ISRO) के सहयोग से ऐतिहासिक स्थलों पर स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) की स्थापना की जा रही है, ताकि मौसम पर निगरानी रखी जा सके।
  • ताजमहल (आगरा) जैसे संवेदनशील स्मारकों पर प्रदूषण स्तर पर नजर रखने के लिए वायु प्रदूषण निगरानी प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं।
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और ASI के सहयोग से आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इनका उद्देश्य आपदा जोखिम मूल्यांकन, आपदा से निपटने की तैयारी करना और रिकवरी योजनाएं बनाना है  

कानूनी और सुरक्षा उपाय:

  • कानूनी संरक्षण: प्राचीन संस्मारक और पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत विरासत स्थलों को अतिक्रमण एवं दुरुपयोग से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
    • इस अधिनियम की धारा 30 के तहत स्मारकों को नुकसान पहुंचाने या दुरुपयोग करने पर दंड का प्रावधान किया गया है।
  • अतिक्रमण रोकना: सुपरिंटेंडिंग पुरातत्वविदों को सरकारी स्थान (अप्राधिकृत अधिभोगियों की बेदखली) अधिनियम, 1971 {Public Premises (Eviction of Unauthorised Occupants) Act, 1971} के तहत अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार दिया गया है।
  • सुरक्षा बलों की तैनाती: विरासत स्थलों पर CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की तैनाती की गई है।
  • राष्ट्रीय संरक्षण नीति, 2014 को अपनाना: इस नीति का उद्देश्य स्मारकों का रखरखाव और संरक्षण करना है।  

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के बारे में 

  • इसकी स्थापना 1861 में की गई थी। इसे राष्ट्रीय महत्त्व के पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 
  • कार्य-संचालन: यह निम्नलिखित कानूनों के तहत अपने दायित्वों को निभाता है:
    • प्राचीन संस्‍मारक संरक्षण अधिनियम, 1904; तथा 
    • प्राचीन संस्मारक और पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958.
  • Tags :
  • जलवायु परिवर्तन
  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
  • जल-प्रतिरोधी (Hydrophobic) तकनीक
  • सरकारी स्थान (अप्राधिकृत अधिभोगियों की बेदखली) अधिनियम, 1971
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