खान मंत्रालय ने बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज को लघु खनिजों की सूची से निकालकर “प्रमुख खनिजों” की श्रेणी में शामिल किया | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

खान मंत्रालय ने बैराइट्स, फेल्सपार, अभ्रक और क्वार्ट्ज को लघु खनिजों की सूची से निकालकर “प्रमुख खनिजों” की श्रेणी में शामिल किया

Posted 22 Feb 2025

11 min read

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दी थी। इसके बाद खान मंत्रालय ने इन प्रमुख खनिजों का पुनर्वर्गीकरण किया है। खनिजों का पुनर्वर्गीकरण डॉ. वी.के. सारस्वत के नेतृत्व वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति की सिफारिशों पर आधारित है।

  • खनिज एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो कार्बनिक या अकार्बनिक रूप से उत्पन्न होता है और निश्चित रासायनिक व भौतिक गुणधर्मों से युक्त होता है।

खनिजों के पुनर्वर्गीकरण का कारण

  • क्वार्ट्ज, फेल्सपार और अभ्रक पेग्माटाइट चट्टानों में पाए जाते हैं। ये कई महत्वपूर्ण खनिजों के एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
    • पहले जब क्वार्ट्ज, फेल्सपार और अभ्रक को लघु खनिज के रूप में पट्टे पर दिया जाता था, तो पट्टाधारक महत्वपूर्ण खनिजों की उपस्थिति के बारे में जानकारी प्रदान नहीं करते थे या इससे जुड़े महत्वपूर्ण खनिजों का निष्कर्षण नहीं करते थे।
    • इन महत्वपूर्ण खनिजों की विभिन्न नई प्रौद्योगिकियों, एनर्जी ट्रांजिशन, स्पेसक्राफ्ट इंडस्ट्रीज, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रक आदि में अहम भूमिका होती है।
  • बैराइट अक्सर चूना पत्थर और डोलोस्टोन में कंक्रीट एवं वेन फिलिंग्स के रूप में पाया जाता है।
    • यह एंटीमनी, कोबाल्ट, तांबा, सीसा, मैंगनीज और चांदी के अयस्कों के साथ पाया जाता है।
    • बैराइट का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के औद्योगिक कार्यों में होता है। इसका उपयोग तेल और गैस ड्रिलिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, टी.वी. स्क्रीन, रबर, कांच, सिरेमिक, पेंट, एक्स-रे उत्सर्जन को रोकने, चिकित्सा उपकरणों आदि में होता है।
  • प्रमुख खनिजों की श्रेणी में शामिल किए जाने से अब इन खनिजों की खोज और वैज्ञानिक खनन में वृद्धि होगी।

प्रमुख (Major) एवं लघु/ गौण (Minor) खनिज के बारे में

  • ‘प्रमुख खनिज’ वे होते हैं, जिन्हें खान और खनिज (विकास और विनियमन) (MMDR) अधिनियम, 1957 की पहली अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया है।
  • MMDR अधिनियम, 1957 में “लघु खनिज” को भवन निर्माण में उपयोग होने वाले पत्थर, बजरी, मिट्टी, रेत तथा केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य खनिजों के रूप में परिभाषित किया गया है।
    • लघु खनिजों का प्रशासन और विनियमन राज्य सरकारों के अधीन होता है।
  • Tags :
  • प्रमुख खनिज
  • MMDR अधिनियम, 1957
  • नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन
Watch News Today
Subscribe for Premium Features