ICRISAT अध्ययन के अनुसार सुलभ और किफायती पोषण के बावजूद ग्रामीण भारत में प्रोटीन की कमी बनी हुई है | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

ICRISAT अध्ययन के अनुसार सुलभ और किफायती पोषण के बावजूद ग्रामीण भारत में प्रोटीन की कमी बनी हुई है

Posted 15 Feb 2025

13 min read

अध्ययन में एक आश्चर्यजनक विरोधाभास वाली स्थिति का उल्लेख किया गया है। इसमें बताया गया है कि उन ग्रामीण घरों में भी प्रोटीन की व्यापक कमी बनी हुई है, जो प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का पर्याप्त उत्पादन करते हैं या उन तक पहुंच रखते हैं।

  • भारत में अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में दो-तिहाई से अधिक परिवार अनुशंसित प्रोटीन स्रोतों की तुलना में कम प्रोटीन का अंतर्ग्रहण (Intake) कर रहे हैं। इसके चलते प्रच्छन्न (Hidden) भुखमरी बढ़ती है।
    • FAO के अनुसार प्रच्छन्न भुखमरी को सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब लोगों द्वारा खाए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता उनकी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती है। 

प्रोटीन की कमी के लिए जिम्मेदार कारण:

  • दालें, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का कम उपयोग: यह मुख्य रूप से सांस्कृतिक खाद्य प्राथमिकताओं, पोषण संबंधी सीमित जागरूकता और वित्तीय बाधाओं के कारण है।
  • असंतुलित पोषक तत्वों का अंतर्ग्रहण: अनाज-भारी आहार (चावल और गेहूं) में आवश्यक अमीनो एसिड की कमी होती है, जिससे संतुलित पोषण प्राप्त नहीं होता है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS): PDS ने कैलोरी सेवन में सुधार किया है, लेकिन यह मुख्य रूप से चावल और गेहूं पर केंद्रित रहा। इससे अनाज-प्रधान आहार की आदत बढ़ी, लेकिन प्रोटीन की कमी बनी रही।
  • महिला शिक्षा: शिक्षित महिलाओं वाले परिवारों में संतुलित आहार की संभावना अधिक होती है।

सिफारिशें: 

  • पोषण शिक्षा: पोषण शिक्षा को लोक स्वास्थ्य कार्यक्रमों और स्कूल पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाना चाहिए।
  • संदर्भ विशिष्ट दृष्टिकोण: वन साइज फिट्स ऑल दृष्टिकोण की बजाय संदर्भ-विशिष्ट दृष्टिकोण और क्षेत्र विशिष्ट रणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता है।
  • PDS में सुधार: प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को PDS में शामिल किया जाना चाहिए।
  • कृषि प्रणालियों का विविधीकरण: इसमें मिलेट्स, फलियों जैसी पोषक तत्वों से भरपूर फसलों की खेती और डेयरी पशुओं को एकीकृत करना शामिल है।

इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) के बारे में 

  • स्थापना: इसे 1972 में स्थापित किया गया था।  
  • भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 की धारा 3 के तहत ICRISAT को "अंतर्राष्ट्रीय संगठन" का दर्जा प्रदान किया है। 
  • विज़न: समृद्ध, खाद्य-सुरक्षित और लचीला शुष्क क्षेत्र विकसित करना।
  • मिशन: शुष्क भूमि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गरीबी, भुखमरी, कुपोषण और पर्यावरणीय क्षरण को कम करना।
  • Tags :
  • ICRISAT
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली
  • प्रच्छन्न (Hidden) भुखमरी
  • प्रोटीन की कमी
Watch News Today
Subscribe for Premium Features