अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के अनुसार, 2024 के पहले 11 महीनों में अमेरिका से भारत में होने वाले LNG के आयात में साल-दर-साल 71% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के बारे में
- इसे प्राकृतिक गैस को -162°C (-260°F) तक ठंडा करके तरल अवस्था में परिवर्तित करके बनाया जाता है।
- चूंकि LNG मुख्य रूप से मीथेन (लगभग 90%) से बनी है, इसलिए यह गंधहीन, रंगहीन, गैर-विषाक्त और गैर-संक्षारक है।
- भारत विश्व स्तर पर चौथा सबसे बड़ा LNG आयातक है।
LNG पर भारत की निर्भरता क्यों बढ़ रही है?
- एनर्जी बास्केट में विविधता लाना: कोयले के उपयोग में कमी लाने के प्रयासों से ईंधन के तुलनात्मक रूप से स्वच्छ स्रोत LNG उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
- सरकार का लक्ष्य 2030 तक एनर्जी मिक्स में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15% तक बढ़ाना है।
- गैस आधारित अर्थव्यवस्था: आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने पर ध्यान केंद्रित करना।
- जलवायु परिवर्तन से जुड़े लक्ष्य: LNG कोयले की तुलना में 40% और तेल की तुलना में 30% कम CO2 उत्पन्न करता है। इससे यह जीवाश्म ईंधनों में सबसे स्वच्छ ईंधन बन जाता है।

LNG से जुड़ी चुनौतियां
- उच्च कीमत और अत्यधिक मूल्य अस्थिरता: जैसे- रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक बाज़ार में मांग-आपूर्ति संबंधी असंतुलन का पैदा होना।
- अपर्याप्त पाइपलाइन नेटवर्क: LNG को टर्मिनलों से उसके उपयोग वाले क्षेत्रों तक ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पाइपलाइन नेटवर्क अच्छी तरह से स्थापित नहीं है। इससे पूरे देश में, खास तौर पर अलग-थलग क्षेत्रों में LNG के वितरण एवं उपलब्धता में बाधा आती है।
- सीमित भंडारण क्षमता: यह भारत को वैश्विक LNG बाजार में मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील बनाता है।
LNG के लिए भारत की पहलें
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