साथ ही जल जीवन मिशन के बजट परिव्यय में भी वृद्धि की गई है। ध्यातव्य है कि जल जीवन मिशन (JJM) को 2019 में शुरू किया गया था। शुरुआत में इसका लक्ष्य 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना था। अब इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मिशन की अवधि 2028 तक बढ़ा दी गई है।
- जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति संबंधी सभी निर्णयों में ग्राम-स्तरीय नियोजन और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है।
- मिशन के तहत ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति/पानी समिति में कम-से-कम 50% सदस्य महिलाएं होना अनिवार्य है।
जल जीवन मिशन (JJM) के बारे में
- पृष्ठभूमि: राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का पुनर्गठन किया गया और उसे जल जीवन मिशन में शामिल कर लिया गया।
- नोडल मंत्रालय/विभाग: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग।
- योजना का प्रकार: केन्द्र प्रायोजित योजना।
- केंद्र और राज्य के बीच वित्त-पोषण पैटर्न:
- हिमालयी राज्यों (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90:10 अनुपात में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी;
- केंद्र शासित प्रदेश के लिए 100% वित्त-पोषण केंद्र सरकार द्वारा।
- शेष राज्यों के लिए केंद्र-राज्य वित्त-पोषण अनुपात 50:50 है।

जल जीवन मिशन (JJM) की अब तक की प्रमुख उपलब्धियां:
- आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार 2019 में इस मिशन की शुरुआत के समय केवल 3.23 करोड़ परिवारों को नल से पेयजल प्राप्त हो रहा था। अब ऐसे परिवारों की संख्या बढ़कर 12 करोड़ हो चुकी है।
- जिन राज्यों में 100% परिवारों को नल से जल प्राप्त हो रहा है, वे हैं; अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तेलंगाना और मिजोरम।
- जिन केंद्र शासित प्रदेशों में 100% परिवारों को नल से जल प्राप्त हो रहा है, वे हैं: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह; दादरा नगर हवेली और दमन दीव तथा पुडुचेरी।