संयुक्त राष्ट्र सामाजिक विकास आयोग ने सामाजिक सामंजस्य को मजबूत करने पर जोर दिया | Current Affairs | Vision IAS
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संयुक्त राष्ट्र सामाजिक विकास आयोग ने सामाजिक सामंजस्य को मजबूत करने पर जोर दिया

Posted 14 Feb 2025

9 min read

वर्तमान में सामाजिक विकास आयोग (CSocD) का 63वां सत्र आयोजित हो रहा है। यह सत्र सतत विकास एजेंडा-2030 को आगे बढ़ाने के हिस्से के रूप में "एकजुटता, सामाजिक समावेशन एवं सामाजिक सामंजस्य को मजबूत करने" पर केंद्रित है।

  • संयुक्त राष्ट्र सामाजिक विकास आयोग, संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के अंतर्गत एक आयोग है। इसका मुख्य दायित्व सामाजिक विकास के मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र को सलाह प्रदान करना है।

सामाजिक सामंजस्य क्या है?

  • सामाजिक सामंजस्य उन अदृश्य बंधनों का प्रतिनिधित्व करती है, जो समाज को एकजुट करते हैं, आपसी सद्भाव को बढ़ावा देते हैं और संवृद्धि को समाज के सभी सदस्यों के साथ साझा करते हैं।
  • सामाजिक रूप से सामंजस्यपूर्ण समाजों में वंचित स्थिति में रहने वाले लोगों के समावेशन में सुधार के लिए प्रक्रियाएं मौजूद रहती हैं, चाहे यह वंचना किसी भी आधार पर हो। इन आधारों में शामिल हैं- आयु, लिंग, दिव्यांगता, नस्ल, नृजातीयता, आर्थिक व प्रवासन स्थिति या कोई अन्य आधार। 
  • सामाजिक सामंजस्य के आयाम
    • यह मौजूदा स्तरों के बीच परस्पर क्रिया का परिणाम है -
      • सामाजिक समावेशन;
      • सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित संस्थागत तंत्र;
      • दूसरों और संस्थाओं के प्रति एकजुटता एवं विश्वास की भावना आदि।
  • सामाजिक सामंजस्य को कमजोर करने वाले कारकों में शामिल हैं- ध्रुवीकरण, गरीबी, हाशिए पर होना, अनिश्चितता का माहौल पैदा करने वाले भू-राजनीतिक तनाव आदि।

सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए की गई मुख्य सिफारिशें

  • गरिमापूर्ण एवं सभ्य कार्य को बढ़ावा देना;
  • किफायती स्वास्थ्य सेवा का प्रावधान करना;
  • प्रगतिशील और प्रभावी कराधान प्रणाली को लागू करना;
  • वैध व विश्वसनीय डेटा एवं सूचना परिवेश को बढ़ावा देना और गलत सूचना व भ्रामक सूचनाओं से निपटना आदि।
  • Tags :
  • सामाजिक विकास आयोग
  • सतत विकास एजेंडा-2030
  • सामाजिक सामंजस्य
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