RSVC को प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय के तत्वाधान में विकसित किया गया है।
- इसका उद्देश्य ग्रामीण जरूरतों के साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना, उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना एवं संधारणीय समाधानों के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाना है।
- प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय ने 2003-04 में RuTAGe की अवधारणा तैयार की थी।
RSVC मॉडल की मुख्य विशेषताएं
- भौतिक उपस्थिति: यह पंचायत स्तर पर दीर्घकालिक तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसके अलावा, कृषि और अपशिष्ट प्रबंधन सहित विविध ग्रामीण चुनौतियों का समाधान करने के लिए 12 प्रौद्योगिकी ट्रैक की एक व्यापक श्रृंखला प्रदान करेगा। यह कई वर्षों तक 15-20 गांवों की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने में ठोस सहायता प्रदान करेगा।
- बाजार तक पहुंच: ग्रामीण उत्पादकों को बड़े बाजारों से जोड़ने के लिए ONDC, अमेजन और मार्केट मिर्ची जैसे प्लेटफॉर्म्स के साथ सहयोग पर जोर देता है।
- व्यापकता: RSVC मॉडल का विस्तार करने हेतु देश भर में 20 नए केंद्र खोलने की योजना है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए टेकप्रेन्योर्स कार्यक्रम के माध्यम से महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने की भी योजना है।
ग्रामीण विकास में प्रौद्योगिकी की भूमिका
- कृषि नवाचार: ई-नाम (e-NAM) जैसे प्लेटफॉर्म किसानों को बाजारों से जोड़ते हैं तथा कृषि उपज का बेहतर मूल्य और पारदर्शी व्यापार प्रदान करते हैं।
- उद्यमिता: ई-कॉमर्स और 3D प्रिंटिंग जैसी तकनीक छोटे व्यवसायों का समर्थन करती हैं। इससे उन्हें वैश्विक बाजारों तक पहुंच बनाने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलती है।
- शिक्षा: पी.एम.ई-विद्या (PM e-VIDYA) और स्वयं (SWAYAM) जैसे कार्यक्रम, ऑनलाइन तरीके से बेहतर शिक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही, छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार भी करते हैं। इसके अलावा, इस तरह के तकनीकी नवाचार समाज में डिजिटल विभाजन को खत्म करने का कार्य भी करते हैं।
- वित्तीय समावेशन: प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) कार्यक्रम और पी.एम. जन धन योजना प्रत्यक्ष व नकद रहित अंतरण की सुविधा प्रदान करते हैं। इस प्रकार ये धोखाधड़ी को कम करते हैं और पारदर्शिता बढ़ाते हैं।
- जल प्रबंधन: राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (NAQUIM) भूजल संसाधनों के प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है। इससे कृषि क्षेत्रक में जल का दक्ष उपयोग सुनिश्चित होता है।
