यह टर्मिनल अपनी रणनीतिक अवस्थिति के कारण बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भूटान और बांग्लादेश की सीमा के निकट स्थित है। साथ ही, यह भारत के द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने और नेबरहुड फर्स्ट नीति को आगे बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
अंतर्देशीय जल परिवहन के बारे में
- अर्थ: अंतर्देशीय जल परिवहन का अर्थ है- नदियों, नहरों, झीलों और अन्य नेविगेबल जलमार्गों के जरिए लोगों एवं वस्तुओं की आवाजाही।
- कानूनी फ्रेमवर्क:
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1985: इसके तहत 1986 में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) का गठन हुआ था।
- IWAI एक स्वायत्त संगठन है, जो राष्ट्रीय जलमार्गों (National Waterways: NWs) के विकास, रखरखाव और विनियमन के लिए उत्तरदायी है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016: इसके तहत 111 अंतर्देशीय जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग (NWs) घोषित किया गया है।
- जैसे, NW-1 (गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली पर हल्दिया से इलाहाबाद तक), NW-2 (ब्रह्मपुत्र नदी पर धुबरी से सदिया तक), आदि।
- अंतर्देशीय पोत अधिनियम, 2021: इस अधिनियम ने 100 साल से भी अधिक पुराने अंतर्देशीय पोत अधिनियम, 1917 का स्थान लिया। इसका उद्देश्य पूरे देश में अंतर्देशीय जहाजों के लिए एक समान नियम स्थापित करना और सुरक्षित नौपरिवहन को बढ़ावा देना है।
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1985: इसके तहत 1986 में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) का गठन हुआ था।
अंतर्देशीय जल परिवहन का महत्त्व
- लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक को बढ़ावा: पिछले दशक में राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो आवाजाही में तीव्र वृद्धि देखी गई।
- पर्यटन क्षेत्रक को बढ़ावा: उदाहरण के लिए- क्रूज़ भारत मिशन का लक्ष्य 2029 तक समुद्री और नदी क्रूज़ यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करना है।
अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल ‘जोगीघोपा’ के बारे में
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