इस समझौते पर 2022 में हस्ताक्षर करने और इसके लागू होने के बाद, 2023-24 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 24 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया था। इसमें भारत से ऑस्ट्रेलिया को होने वाला निर्यात 2022-23 की तुलना में 14% बढ़ा है।
- IA-ECTA एक रणनीतिक आर्थिक समझौता है। इसका उद्देश्य भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को सहने में दोनों देशों को सक्षम बनाना है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (IA-ECTA) की मुख्य विशेषताएं
- टैरिफ उन्मूलन: ECTA के तहत भारत को निर्यात की गई 96% ऑस्ट्रेलियाई वस्तुओं और ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की गई 85% भारतीय वस्तुओं पर से टैरिफ हटा दिया गया है।
- रूल्स ऑफ ओरिजिन: किसी अन्य देश की वस्तुओं को ECTA के अंतर्गत प्राथमिकता मिलने से रोकने के लिए सख्त रूल्स ऑफ ओरिजिन नियम सुनिश्चित किए गए हैं।
- सेवाओं में व्यापार: इसके तहत ऑस्ट्रेलिया द्वारा 135 उप-क्षेत्रक और भारत द्वारा 103 उप-क्षेत्रक खोले गए हैं।
- व्यापार संबंधी उपाय: अचानक आयात संबंधी वृद्धि से बचाव के लिए सुरक्षा तंत्र स्थापित किए गए हैं।
- विवाद समाधान: पहले कदम के रूप में परामर्श और वार्ता की जाती है। यदि समाधान नहीं मिलता, तो तीन सदस्यीय आर्बिट्रल पैनल का गठन किया जाता है।
- प्रत्येक देश एक सदस्य नियुक्त करता है, तथा पारस्परिक रूप से सहमत व्यक्ति पैनल का अध्यक्ष होता है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंधों में मुद्दे
- व्यापार और बाजार पहुंच: इसमें दीर्घकालिक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर लंबी वार्ता, गैर-व्यापार बाधाएं जैसे सैनिटरी एवं फाइटो-सैनिटरी मानक तथा तकनीकी बाधाएं शामिल हैं।
- ऑस्ट्रेलिया में फार्मास्यूटिकल (विशेष रूप से जेनेरिक दवाओं में) मूल्य निर्धारण नियंत्रण भारतीय उत्पादों के लिए बाजार की पहुंच में बाधा उत्पन्न करता है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (IA-ECTA) का महत्त्व
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