जैविक हथियार अभिसमय को लागू हुए 50 वर्ष पूरे हुए | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

जैविक हथियार अभिसमय को लागू हुए 50 वर्ष पूरे हुए

Posted 01 Apr 2025

10 min read

जैविक हथियार अभिसमय (BWC) वस्तुतः सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) की पूरी श्रेणी को प्रतिबंधित करने वाली पहली बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण संधि है। इस अभिसमय को अप्रैल, 1972 में हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया था और यह 26 मार्च, 1975 को लागू हुई।

जैविक हथियार अभिसमय (BWC) के बारे में

  • इसका औपचारिक नाम है - “जीवाणुजन्य (जैविक) और विषाक्त हथियारों के विकास, उत्पादन और भंडारण पर प्रतिबंध तथा उनके विनाश पर अभिसमय”।
    • जैविक और विषाक्त हथियार विषाणु, जीवाणु, कवक जैसे सूक्ष्मजीव या अन्य जीवित जीवों द्वारा उत्पादित विषैले पदार्थ होते हैं। इन्हें जानबूझकर इंसानों, जानवरों या पौधों में बीमारी फैलाने और उन्हें मारने के लिए तैयार किया जाता है।
      • उदाहरण: एंथ्रेक्स, बोटुलिनम टॉक्सिन और प्लेग।
    • इसके परिणामस्वरूप खाद्यान्न की कमी, पर्यावरणीय आपदाएं, गंभीर आर्थिक क्षति, और लोगों के बीच रोगों का प्रसार, भय तथा अविश्वास बढ़ सकता है।
  • पृष्ठभूमि: इस अभिसमय पर स्विट्जरलैंड के जिनेवा में आयोजित निरस्त्रीकरण समिति के सम्मेलन में वार्ता की गई थी।
  • प्रावधान: BWC जैविक और विषाक्त हथियारों के विकास, उत्पादन, अर्जन, हस्तांतरण, भंडारण और उपयोग पर प्रभावी तरीके से प्रतिबंध लगाता है। 
    • यह 1925 के जिनेवा प्रोटोकॉल को और मजबूती प्रदान करता है। गौरतलब है कि जिनेवा प्रोटोकॉल के तहत केवल जैविक हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था।
  • सदस्यता: 188 सदस्य देशों और चार हस्ताक्षरकर्ता देशों (मिस्र, हैती, सोमालिया और सीरिया) के साथ लगभग सार्वभौमिक सदस्यता।
    • भारत BWC का एक सदस्य है।

सामूहिक विनाश के हथियारों (WMD) पर प्रतिबंध लगाने वाले अन्य अभिसमय/ संधि

  • परमाणु हथियार: परमाणु अप्रसार संधि (NPT); परमाणु हथियार निषेध संधि (TPNW); व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT); आदि।
  • मिसाइल: हेग आचार संहिता (HCOC); मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR); आदि।
  • रासायनिक हथियार: रासायनिक हथियार अभिसमय (CWC)।
  • Tags :
  • सामूहिक विनाश के हथियार
  • जैविक हथियार सम्मेलन
Watch News Today
Subscribe for Premium Features