लोक सभा ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को भी मंजूरी प्रदान की। इसने मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त कर दिया है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के मुख्य प्रावधानों पर एक नजर
- मुख्य उद्देश्य: वक्फ परिसंपत्तियों का बेहतर प्रबंधन, हितधारकों का सशक्तीकरण, कुशल सर्वेक्षण प्रभावी बनाना आदि।
- वक्फ बनाने की शर्तें: केवल कानूनी रूप से संपत्ति के मालिक को वक्फ बनाने का अधिकार होगा।
- वक्फ-अल-औलाद बनाने से उत्तराधिकारियों (विशेष रूप से महिला उत्तराधिकारियों) के अधिकारों का हनन नहीं होगा।
- अनिवार्य ऑनलाइन पंजीकरण: सभी वक्फों को छह माह के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर परिसंपत्ति का विवरण दर्ज कराना होगा। वक्फ अधिकरण इस अवधि को बढ़ा सकता है।
- वक्फ की गलत घोषणा: सरकारी संपत्ति को वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।
- यदि कोई विवाद उठता है कि कोई संपत्ति सरकारी है या नहीं, तो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी जांच करेगा और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।
- अभिलेखों का निरीक्षण: यह कार्य “भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 की धारा 75” के तहत किया जाएगा।
- सार्वजनिक उद्देश्य के लिए वक्फ संपत्तियों का अधिग्रहण: यह भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 या भूमि अधिग्रहण से संबंधित किसी अन्य कानून के तहत किया जाएगा। वक्फ बोर्ड के परामर्श से भूमि का अधिग्रहण किया जा सकेगा।
- केंद्रीय वक्फ परिषद: केंद्र सरकार में वक्फ मामलों के मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होंगे। परिषद को वक्फ बोर्डों को निर्देश जारी करने और स्वप्रेरित कार्रवाई करने की शक्ति होगी।
- नियुक्त किए जाने वाले अन्य सदस्यों में संसद सदस्य, सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के न्यायाधीश आदि शामिल होंगे।
वक्फ के बारे में
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