PLFS–2024 के तहत जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 के दौरान कुल 6,982 गाँवों और 5,767 शहरी ब्लॉक्स का सर्वेक्षण किया गया।
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के बारे में
- आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण की शुरुआत राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) द्वारा 2017 में की गई थी। PLFS के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- 'साप्ताहिक वर्तमान स्थिति' (CWS) के तहत शहरी क्षेत्रों में तीन महीने के कम समय अंतराल पर रोजगार और बेरोजगारी से जुड़े संकेतकों का अनुमान लगाना।
- यहां 'साप्ताहिक वर्तमान स्थिति से आशय है सर्वेक्षण की शुरुआत की तिथि से पहले के अंतिम 7 दिनों की आर्थिक गतिविधियों का पता लगाना।
- ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में 'सामान्य स्थिति' (Usual Status) तथा ‘साप्ताहिक वर्तमान स्थिति (CWS)’, दोनों आधारों पर वार्षिक रूप से रोजगार एवं बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाया जाता है।
- 'सामान्य स्थिति’ से आशय है सर्वेक्षण की शुरुआत से पहले के पिछले 365 दिनों में व्यक्ति की प्रमुख आर्थिक गतिविधियों और सहायक आर्थिक गतिविधियों का पता लगाना।
- 'साप्ताहिक वर्तमान स्थिति' (CWS) के तहत शहरी क्षेत्रों में तीन महीने के कम समय अंतराल पर रोजगार और बेरोजगारी से जुड़े संकेतकों का अनुमान लगाना।
सर्वेक्षण के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- साप्ताहिक वर्तमान स्थिति (CWS):
- श्रम बल भागीदारी दर (LFPR): 2024 में कुल मिलाकर 56.2% पर स्थिर रही।
- कामगार-जनसंख्या अनुपात (WPR): यह अनुपात 2023 में 53.4% और 2024 में 53.5% रहा। इस तरह यह लगभग अपरिवर्तित रहा।
- बेरोजगारी दर (UR): मामूली गिरावट दर्ज की गई। यह 2023 के 5.0% से कम होकर 2024 में 4.9% रह गई।
- घरेलू उद्यमों में अवैतनिक हेल्पर्स की संख्या में कमी आने की वजह से ग्रामीण महिलाओं की कामगार-जनसंख्या अनुपात और श्रम बल भागीदारी दर, दोनों में गिरावट दर्ज की गई है।
- प्रधान और सहायक कार्य स्थिति (Principal and Subsidiary Status)
- श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 2023 की 59.8% से घटकर 2024 में 59.6% हो गई।
- कामगार-जनसंख्या अनुपात 2023 के 58.0% से घटकर 2024 में 57.7% हो गया।
- बेरोजगारी दर 2023 में 3.1% थी, जो 2024 में बढ़कर 3.2% हो गई।
रोजगार और बेरोजगारी के प्रमुख संकेतक
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