पारंपरिक परमाणु और हाइड्रोजन बमों से भिन्न, 2 किलोग्राम का यह बम 1,000 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान तक पहुंच गया। यह भविष्य के हथियारों के विकास और उपयोग में एक बड़ा कदम साबित होगा।
गैर-परमाणु हाइड्रोजन बम की मुख्य विशेषताएं
- रासायनिक अभिक्रिया: यह परमाणु सामग्री के बिना शक्तिशाली विस्फोट करने के लिए मैग्नीशियम हाइड्राइड के साथ रासायनिक अभिक्रिया करता है।
- दूसरी ओर, हाइड्रोजन बम मुख्य रूप से परमाणु संलयन प्रक्रिया पर आधारित होता है।
- मैग्नीशियम हाइड्राइड का उपयोग: हाइड्रोजन बम में ईंधन के रूप में रेडियोधर्मी हाइड्रोजन समस्थानिकों (जैसे- ड्यूटेरियम या ट्रिटियम) का उपयोग किया जाता है। इस गैर-परमाणु हाइड्रोजन बम में मैग्नीशियम हाइड्राइड का उपयोग किया गया है।
- मैग्नीशियम हाइड्राइड एक चांदी जैसा पाउडर होता है, जो ठोस अवस्था में हाइड्रोजन स्टोरेज मटेरियल के रूप में कार्य करता है।
- प्रज्वलित होने पर इसमें हाइड्रोजन उत्सर्जित होती है, जो तेजी से हवा के साथ मिल जाती है और विस्फोटक सीमा तक पहुंचने पर गैस प्रज्वलित हो जाती है। इससे एक स्वतःस्फूर्त दहन चक्र (Self-sustaining combustion cycle) निर्मित होता है।
- विनाश का पैमाना: यह ट्राइनाइट्रो टॉलुईन (TNT) के विस्फोट बल का केवल 40% ही उत्पन्न करता है, लेकिन एल्यूमीनियम मिश्रधातु जैसी सामग्रियों को पिघलाने के लिए पर्याप्त ऊष्मा उत्पादन के साथ अधिक थर्मल डैमेज रेडियस प्रदर्शित करता है।
- थर्मल डैमेज रेडियस: यह विस्फोट के बिंदु के केंद्र से वह दूरी है, जिसके भीतर ऊष्मा के कारण एक निश्चित स्तर का नुकसान होता है।
- इसके लिए न्यूनतम प्रज्वलन ऊर्जा की आवश्यकता होती है तथा इसमें विकिरण उत्पन्न किए बिना तीव्र व निरंतर ऊष्मा उत्पादित करने की क्षमता होती है।
