प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) पहल से 2024 तक 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) पहल से 2024 तक 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई

Posted 22 Apr 2025

7 min read

इसका खुलासा एक नीतिगत दस्तावेज "भारत की DBT प्रणाली का मात्रात्मक आकलन" से हुआ है।

दस्तावेज के अन्य प्रमुख बिंदुओं पर एक नजर

  • कवरेज में वृद्धि: कल्याण संबंधी वितरण में सुधार के साथ लाभार्थियों का कवरेज 16 गुना बढ़ गया है।
  • कल्याण दक्षता लाभ: कल्याण दक्षता सूचकांक (WEI) 2014 में 0.32 था, जो 2023 में लगभग तीन गुना बढ़कर 0.91 हो गया था।
    • WEI, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के प्रभाव का आकलन करता है। यह DBT बचत (50% भारांश), सब्सिडी कटौती (30% भारांश) और लाभार्थी वृद्धि (20% भारांश) द्वारा संचालित होता है।
  • कुल व्यय में सब्सिडी का हिस्सा कम हुआ: यह 2013 से पहले 16% था, जो 2023-24 में घटकर 9% रह गया।
    • उदाहरण के लिए- आधार-लिंक्ड PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के माध्यम से खाद्य सब्सिडी में 1.85 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।

DBT पहल के बारे में

  • उत्पत्ति: इसे 2013 में आरंभ किया गया था।
  • उद्देश्य: कल्याणकारी योजनाओं में मौजूदा प्रक्रियाओं में संशोधन करके और लाभार्थियों की सटीक पहचान करके, डुप्लिकेसी को खत्म करके तथा धोखाधड़ी को कम करके सरकारी वितरण प्रणाली में सुधार करना।
  • कार्यान्वयन: शुरू में यह पहल योजना आयोग के अधीन थी, लेकिन अब इसे कैबिनेट सचिवालय के अधीन कर दिया गया है।
  • मुख्य विशेषताएं
    • DBT योजनाओं में आधार अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे प्राथमिकता दी जाती है।
    • DBT का मुख्य प्रवर्तक JAM ट्रिनिटी (चित्र देखें) है।
    • इलेक्ट्रॉनिक भुगतान फ्रेमवर्क सभी केंद्रीय क्षेत्रक (CS)/ केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) और सभी योजनाओं पर लागू है।
  • Tags :
  • DBT
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT
  • JAM ट्रिनिटी
Watch News Today
Subscribe for Premium Features