केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 35 अस्वीकृत FDC दवाओं के विनिर्माण, बिक्री और वितरण को रोकने का निर्देश दिया है। ध्यातव्य है कि CDSCO भारत में औषधियों, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए शीर्ष विनियामकीय संस्था है।
- यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि कई FDC दवाएं औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत नई औषधि एवं नैदानिक परीक्षण (NDCT) नियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही थीं।
फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं के बारे में
- दो या दो से अधिक सक्रिय औषध सामग्रियों (APIs) को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर बनाई गई एकल खुराक वाली दवा को फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन कहा जाता है। कभी-कभी इन्हें 'कॉकटेल ड्रग्स' भी कहा जाता है।
- API वास्तव में किसी निर्मित दवा (टेबलेट, कैप्सूल, क्रीम इंजेक्टेबल आदि) का जैविक रूप से सक्रिय घटक है, जो बीमारी के इलाज में वांछित प्रभाव उत्पन्न करता है।
- FDCs को 4 व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
- किसी FDC को NDCT नियम, 2019 के तहत तब नई औषधि माना जाता है, जब यह निम्नलिखित दो शर्तों को पूरा करते हैं:
- यह मरीजों द्वारा उपयोग में लाए जाने के लिए पहले से स्वीकृत दो या अधिक दवाओं को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर बनाई गई है; तथा
- यह अपने दावों में बदलाव करने के साथ-साथ पहले से स्वीकृत FDC में दवाओं के अनुपात को बदल देती है।
FDC दवाओं को क्यों प्राथमिकता दी जाती है?
- बेहतर चिकित्सीय परिणाम: संयुक्त दवाओं के बीच बेहतर सहक्रियात्मक प्रभाव (जब तर्कसंगत रूप से चुना गया हो) देखने को मिलता है।
- रोगी व्यक्ति द्वारा चिकित्सीय निर्देशों का बेहतर ढ़ंग से अनुपालन: कई दवाओं को एक ही टैबलेट या कैप्सूल में मिलाने से गोलियों का बोझ कम किया जा सकता है।
उपचार की लागत में कमी: कई अलग-अलग दवाओं को खरीदने की तुलना में संयुक्त उत्पाद उपचार की लागत को कम करते हैं।