इस रिपोर्ट में यह सुनिश्चित करने के लिए एक रोडमैप प्रदान किया गया है कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) विभाजन को गहरा करने की बजाय समावेशी विकास को बढ़ावा दे।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- AI की क्षमता: वैश्विक स्तर पर 2033 तक AI का बाजार मूल्य 4.8 ट्रिलियन डॉलर हो जाने की संभावना है।
- नौकरियों पर प्रभाव: AI दुनिया भर में 40% नौकरियों को प्रभावित कर सकता है। इससे उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ ऑटोमेशन और नौकरियों के खत्म होने से संबंधित चिंताएं भी उत्पन्न होंगी।
- राष्ट्रीय और कॉर्पोरेट स्तर पर बाजार का प्रभुत्व:
- वैश्विक कॉर्पोरेट अनुसंधान एवं विकास व्यय का 40% केवल 100 कंपनियों द्वारा किया जाता है, जिनमें अधिकांश संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन की हैं।
- वैश्विक AI निजी निवेश में लगभग 70% निवेश संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया जाता है ।
समावेशी AI हेतु आगे की राह
- विकासशील देशों में AI को अपनाने को बढ़ावा देना: स्थानीय रूप से उपलब्ध डिजिटल अवसंरचना को ध्यान में रखते हुए AI समाधानों को विकसित करना चाहिए। साथ ही, इस संबंध में कौशल के समक्ष उत्पन्न बाधाओं को कम करना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करना चाहिए।
- कर्मचारी-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना: AI को प्रभावी ढंग से समेकित करने के लिए कार्यप्रवाह और कार्यों को पुनर्व्यवस्थित किया जाना चाहिए।
- सरकार की भूमिका: अवसंरचना, डेटा और कौशल इन तीन प्रमुख आयामों पर राष्ट्रीय AI क्षमताओं का मूल्यांकन करना चाहिए।
इस रिपोर्ट में भारत से संबंधित निष्कर्ष
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