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भारत के प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीका की विकास यात्रा में प्रतिबद्ध साझेदार बना रहेगा | Current Affairs | Vision IAS
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भारत के प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीका की विकास यात्रा में प्रतिबद्ध साझेदार बना रहेगा

Posted 05 Jul 2025

12 min read

भारत के प्रधान मंत्री ने घाना की राजकीय यात्रा के दौरान कहा कि भारत अफ्रीका के विकास में एक सच्चा साझेदार है। भारत अफ्रीका की प्राथमिकताओं का समर्थन करता है और समान साझेदार के रूप में उसके साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहता है। 

भारत-अफ्रीका संबंधों में उभरते नए आयाम

  • ग्लोबल साउथ की अभिव्यक्ति को बढ़ावा: 2023 में भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को G-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। 
  • संयुक्त साझेदारियां: उदाहरण के लिए- सतत विकास और संवृद्धि हेतु भारत-जापान का एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर (AAGC)।
  • विकासात्मक रूपरेखा: जैसे- भारत अफ्रीका के विकास फ्रेमवर्क एजेंडा 2063 के विज़न का समर्थन करता है।
    • आर्थिक: भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। जून 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर और कुल निवेश 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। 
  • पुनर्गठित बहुपक्षवाद: भारत एजुलविनी कन्सेंस के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित वैश्विक संस्थाओं में अफ्रीकी देशों के अधिक प्रतिनिधित्व की वकालत करता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन: अफ्रीकी देश अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA), ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस और आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) में भागीदारी हैं।
  • क्षमता-निर्माण: भारत क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण आदि के माध्यम से अफ्रीकी संघ के विज़न 'एड्यूकेट एन अफ्रीका फिट फॉर दी 21st सेंचुरी” का समर्थन करता है।
  • भारत ने 33 अफ्रीकी देशों को e-Visa सुविधा प्रदान की है, जिससे दोनों पक्षों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ा है।

चुनौतियां:

  • चीन का प्रभुत्व: चीन ऋण जाल कूटनीति, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजनाओं और अवसंरचना की कूटनीति आदि के माध्यम से अफ्रीका में अपने कदम मजबूती से जमा रहा है।
  • परियोजनाओं के कार्यान्वयन में देरी: भारत द्वारा समय पर परियोजनाएं पूरी न करने से भारत पर अफ़्रीकी देशों का विश्वास कमजोर हो रहा है।
  • परमाणु मुद्दों पर असहमति: जैसे दक्षिण अफ्रीका वैश्विक परमाणु अप्रसार संधियों का समर्थन करता है, जबकि भारत इनके मौजूदा स्वरूप को भेदभावपूर्ण मानता है और इसलिए इनसे नहीं जुड़ा है।

निष्कर्ष: अफ्रीका के साथ भारत की सहभागिता विज़न सागर/ SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और संवृद्धि) पर आधारित है। इसे हाल ही में ग्लोबल साउथ के लिए विज़न महासागर/ MAHASAGAR (क्षेत्रों में सुरक्षा और संवृद्धि की पारस्परिक एवं समग्र उन्नति) में अपग्रेड कर दिया गया है।

  • Tags :
  • भारत-अफ्रीका संबंध
  • AAGC
  • एजुलविनी कन्सेंस
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