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FAO ने ‘कृषि खाद्य प्रणालियों में युवाओं की स्थिति’ नाम से रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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FAO ने ‘कृषि खाद्य प्रणालियों में युवाओं की स्थिति’ नाम से रिपोर्ट जारी की

Posted 08 Jul 2025

9 min read

यह रिपोर्ट युवाओं और कृषि-खाद्य प्रणालियों के बीच तालमेल बिठाने का आकलन करती है, ताकि युवाओं (15-29 वर्ष आयु वर्ग) में बेरोजगारी को खत्म किया जा सके।

  • यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया के 1.3 बिलियन युवाओं में से लगभग 85% कम आय वाले देशों में रहते हैं, और लगभग आधे (46%) युवा अभी भी ग्रामीण इलाकों में निवास करते हैं।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • आर्थिक संवृद्धि: युवाओं की कृषि-खाद्य प्रणालियों में भागीदारी बढ़ने से वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 1.4% की वृद्धि हो सकती है। इससे लगभग 45% योगदान युवाओं की भागीदारी से आने की संभावना है।
  • युवाओं की भागीदारी: 44% कामकाजी युवा रोजगार के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों पर निर्भर हैं, जबकि कामकाजी वयस्कों के लिए यह आंकड़ा 38% है।
  • कृषि-खाद्य प्रणालियों में कामकाजी युवाओं की कमी: वर्ष 2005 में कामकाजी युवाओं की 54% भागीदारी थी, जो 2021 में घटकर 44% रह गई। 
  • खाद्य असुरक्षा: यह वर्ष 2014-16 के 16.7% से बढ़कर 2021-23 में 24.4% हो गई।

कृषि में युवाओं की भागीदारी के समक्ष चुनौतियां

  • सामाजिक दर्जा: उदाहरण के लिए- किसानों को अक्सर निम्न सामाजिक दर्जे वाला माना जाता है।
  • जलवायु परिवर्तन: उदाहरण के लिए- इससे जुड़े जोखिम युवाओं को हतोत्साहित करते हैं।
  • असंतुलित आंतरिक प्रवासन: उदाहरण के लिए- भारत में 16-40 वर्ष के अनुसूचित जाति/ जनजाति (SC/ST) के व्यक्ति अल्पकालिक प्रवासन में अधिक होते हैं।
  • महिलाओं से संबंधित असमानता: उदाहरण के लिए- महिलाएं अक्सर विरासत में मिली भूमि का अपना हिस्सा अपने भाइयों के पक्ष में छोड़ देती हैं।
  • भूमिहीनता: उदाहरण के लिए- अधिकांश युवा भूमिहीन हैं और किराए की भूमि पर खेती करते हैं।

कृषि-खाद्य प्रणालियों को युवाओं के लिए कार्यक्षम बनाना 

  • Tags :
  • कृषि-खाद्य प्रणाली
  • कृषि में युवा
  • युवाओं की भागीदा
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