प्रसारण अवसंरचना और नेटवर्क विकास (BIND) योजना
BIND योजना के सहयोग से उज्जैन में एक नया आकाशवाणी केन्द्र स्थापित किया जाएगा।
BIND योजना के बारे में
- यह योजना 2023 में शुरू की गई थी।
- योजना का प्रकार : यह केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।
- क्रियान्वयन मंत्रालय : सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय
- उद्देश्य : इस योजना के तहत प्रसार भारती {जैसे- ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन (DD)} को उनके प्रसारण संबंधी अवसंरचनाओं को विस्तार देने और उन्हें आधुनिक बनाने, नया कंटेंट तैयार करने, इत्यादि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- प्रसार भारती देश का सार्वजनिक प्रसारक (Public Broadcaster) है।
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- प्रसार भारती
- BIND योजना
Articles Sources
भारतीय दूरसंचार सेवा वार्षिक प्रदर्शन संकेतक
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय दूरसंचार सेवा-वार्षिक प्रदर्शन संकेतक जारी किए हैं।
वार्षिक संकेतक के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:
- इंटरनेट सब्सक्राइबर्स: 2024 के 954.40 मिलियन से बढ़कर 2025 में 969.10 मिलियन हो गए।
- टेलीफोन सब्सक्राइबर्स: 2024 के 1,199.28 मिलियन से बढ़कर 2025 में 1,200.80 मिलियन हो गए।
- टेली-घनत्व (Tele-Density): 2024 के 85.69% से घटकर 2025 में 85.04% हो गया।
- शहरी और ग्रामीण टेली-घनत्व क्रमशः 131.45% और 59.06% हैं।
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- टेलीफोन सब्सक्राइबर्स
- टेली-घनत्व
जैपोनिका चावल
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च (NIPGR) के वैज्ञानिकों ने CRISPR-Cas9 जीन एडिटिंग तकनीक का उपयोग करके जैपोनिका चावल की किस्मों में फॉस्फेट की अवशोषण और परिवहन क्षमता को बढ़ाया है।
पौधों की वृद्धि में फास्फोरस की भूमिका:
- यह पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक खनिज है। पौधों में इस खनिज की कमी से उत्पादकता में भारी गिरावट आ सकती है।
- यह खनिज सूर्य की ऊर्जा को पौधों के लिए उपयोगी यौगिकों में परिवर्तित करने में विशेष भूमिका निभाता है।
- यह खनिज पौधों की जड़ के विकास को उत्प्रेरित करने, दलहनी फसलों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण (N-fixing) की क्षमता बढ़ाने, तथा फूल लगने और बीज उत्पादन में सुधार जैसे कार्यों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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- जैपोनिका चावल
- CRISPR-Cas9 जीन एडिटिंग तकनीक
- फॉस्फेट
खराई ऊँट
हाल ही में, गुजरात में समुद्री ज्वार में फंसे खराई ऊंटों को बचाया गया।
खराई ऊँटों के बारे में
- यह ऊंटों की एक अनोखी और पालतू नस्ल है। ये समुद्र में तैरने एवं मैंग्रोव क्षेत्र में चराई करने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं।
- यह गुजरात (मुख्यतः कच्छ) की देशज नस्ल है।
- इसका नाम स्थानीय शब्द "खरा" से लिया गया है, जिसका अर्थ लवणीय होता है। यह विशेषता इस ऊंट की रेगिस्तान और तटीय, दोनों पारिस्थितिकी तंत्रों के प्रति अनुकूलन क्षमता को दर्शाती है।
- इसे रबारी और फकीरानी जाट जनजातियों द्वारा 400 वर्षों से अधिक समय से संरक्षित किया जाता रहा है।
- इसका दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें चिकित्सीय गुण भी पाए जाते हैं।
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- खराई ऊँट
वहन क्षमता (Carrying Capacity)
उत्तराखंड सरकार ने पारिस्थितिक असंतुलन की जांच के लिए शहरों की वहन क्षमता का आकलन शुरू किया है।
वहन क्षमता के बारे में
- किसी पारिस्थितिकी तंत्र की वहन क्षमता उस जनसंख्या या समुदाय का आकार है, जिसे पारिस्थितिकी तंत्र में उपलब्ध संसाधनों और सेवाओं के आधार पर अनिश्चितकाल तक समर्थन दिया जा सकता है।
- यह आमतौर पर तीन कारकों द्वारा निर्धारित होता है:
- पारिस्थितिकी तंत्र में उपलब्ध संसाधनों की मात्रा;
- जनसंख्या या समुदाय का आकार; और
- समुदाय के भीतर प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उपभोग की जा रही संसाधनों की मात्रा।
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कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मेकेनिज्म (CBAM)
ब्रिक्स (BRICS) देशों ने यूरोप के CBAM को "एकतरफा और अन्यायपूर्ण व्यापार अवरोध" बताते हुए उसकी निंदा की है और इस मैकेनिज्म को अस्वीकार कर दिया है।
CBAM के बारे में
- यह कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से लगाया गया कार्बन सीमा कर (Carbon Border Tax) है।
- इसका उद्देश्य उन उत्पादों पर शुल्क लगाना है जो यूरोपीय संघ (EU) में आते हैं और जिनके उत्पादन में अधिक कार्बन उत्सर्जन होता है।
- साथ ही, इसका उद्देश्य गैर-यूरोपीय संघ के देशों में स्वच्छ औद्योगिक उत्पादन गतिविधियों को प्रोत्साहित भी करना है।
- लागू होने की तिथि: यह मैकेनिज्म 2026 से पूरी तरह से लागू होगा। लेकिन इससे पहले इसे 2023 से 2025 तक ट्रांजिशन के तहत चरणबद्ध रूप से धीरे-धीरे लागू किया जायेगा।
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- कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मेकेनिज्म (CBAM)
समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन आकलन, समीक्षा और विश्लेषण-राष्ट्रीय सर्वेक्षण (PARAKH RS)
हाल ही में PARAKH RS के नतीजे जारी किए गए। PARAKH RS को पहले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey: NAS) के नाम से जाना जाता था।
- इसमें विद्यार्थियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन निम्नलिखित विषयों में किया गया:
- भाषा और गणित: कक्षा 3, 6 और 9 के लिए,
- हमारे आसपास की दुनिया: कक्षा 3 और 6 के लिए,
- विज्ञान और सामाजिक विज्ञान: कक्षा 9 के लिए।
परख (PARAKH) के बारे में
- यह राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र (National Assessment Centre) है।
- इसे 2023 में NCERT में एक स्वतंत्र इकाई के रूप में स्थापित किया गया था।
- उद्देश्य: विद्यार्थियों के मूल्यांकन से संबंधित मानदंड, मानक, दिशा-निर्देश निर्धारित करना और संबंधित गतिविधियों को लागू करना।
- साथ ही, यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों को भी संपन्न करता है।
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- राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC)
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने वर्ष 2023-24 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट भारत की राष्ट्रपति को सौंप दी है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के बारे में
- यह आयोग 89वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार स्थापित किया गया है। इस संशोधन के माध्यम से पूर्ववर्ती "राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग" को विभाजित कर निम्नलिखित दो अलग-अलग आयोग बनाए गए:
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC): संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग: संविधान के अनुच्छेद 338-A के तहत।
- NCSC के मुख्य कार्य:
- अनुसूचित जातियों को प्रदान किए गए संरक्षणों से संबंधित सभी उपायों के क्रियान्वयन की जांच और निगरानी करना।
- अनुसूचित जातियों के अधिकारों और सुरक्षा उपायों के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों की जांच करना।
- संरचना: अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 3 अन्य सदस्य। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- शक्तियां: कुछ मामलों में इसे सिविल कोर्ट की शक्तियां प्राप्त हैं।
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- NCSC
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC)
- अनुच्छेद 338