WHO और UNICEF ने 100 से अधिक देशों के लिए एक अपडेटेड ट्रैकर जारी किया है।
यह आठ चरणों में जल, स्वच्छता और आरोग्यता (Water, Sanitation, and Hygiene: WASH) में सुधार की प्रगति को दर्शाता है।
- यह ट्रैकर 2023 के संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस संकल्प से जुड़ा है, जो स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में WASH, अपशिष्ट प्रबंधन और विद्युत की उपलब्धता पर केंद्रित है।
- यह दर्शाता है कि केवल 17% देशों के पास इन सेवाओं में सुधार के लिए पर्याप्त फंड है।
WASH और उसके महत्त्व के बारे में
- WASH जल, स्वच्छता और आरोग्यता के लिए एक सामूहिक शब्दावली है, जो निम्नलिखित से संबंधित है:
- सुरक्षित पेयजल तक पहुंच;
- बेहतर स्वच्छता सुविधाएं; तथा
- बुनियादी स्तर की आरोग्यता बनाए रखना।
- महत्त्व
- सतत विकास लक्ष्य (SDGs), 2030: यह SDG-3 (बेहतर स्वास्थ्य व कल्याण) और SDG-6 (सभी के लिए जल एवं स्वच्छता के प्रबंधन को सुनिश्चित करना) से जुड़ा हुआ है।
- WASH संक्रमणों को कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जैसे कि हैजा, अतिसार (Diarrhea), सेप्सिस, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग आदि।
- अतिसार 1–59 माह की आयु के बच्चों में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है।
- स्कूलों में शौचालयों की कमी के कारण बच्चे, विशेष रूप से लड़कियां, स्कूल छोड़ देती हैं।
- WASH संक्रमणों को कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जैसे कि हैजा, अतिसार (Diarrhea), सेप्सिस, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग आदि।
- मानवाधिकारों की रक्षा करता है: संयुक्त राष्ट्र ने साफ पानी और स्वच्छता को एक बुनियादी मानवाधिकार माना है।
- सतत विकास लक्ष्य (SDGs), 2030: यह SDG-3 (बेहतर स्वास्थ्य व कल्याण) और SDG-6 (सभी के लिए जल एवं स्वच्छता के प्रबंधन को सुनिश्चित करना) से जुड़ा हुआ है।
- भारत की स्थिति: प्रोग्रेस ट्रैकर भारत के स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में WASH मानकों, बुनियादी ढांचे में सुधार, राष्ट्रीय निगरानी में WASH संकेतकों आदि के लिए किए गए प्रयासों को मान्यता देता है।
WASH से संबंधित प्रमुख पहलेंराष्ट्रीय स्तर पर:
वैश्विक
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