यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को ऊर्जा खपत में 30-50% की कमी लाने; पावर-टू-प्रोडक्ट अनुपात में सुधार लाने और हरित ऊर्जा गलियारों के निर्माण में सहायता कर सकती है।
- पावर-टू-प्रोडक्ट अनुपात ऊर्जा की उस मात्रा को दर्शाता है, जो किसी उत्पाद को बनाने के लिए आवश्यक होती है।
उद्योगों और प्रतिष्ठानों में ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों के उपयोग में सहायता (ADEETIE) योजना के बारे में
- मंत्रालय: विद्युत मंत्रालय।
- पात्र उद्यम: उद्यम ID वाले MSMEs.
- उद्यमों को अपनाई गई प्रौद्योगिकी से 10% ऊर्जा बचत प्रदर्शित करनी होगी।
- कार्यान्वयन: ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE)।
- योजना अवधि: 3 वर्ष (वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2027-28 तक)।
- बजटीय परिव्यय: 1000 करोड़ रुपये।
- लक्षित क्षेत्रक: इसमें पीतल, ईंट, चीनी मिट्टी, रसायन, मात्स्यिकी, खाद्य प्रसंस्करण जैसे 14 ऊर्जा-गहन क्षेत्रकों को शामिल किया गया है।
- लागू करने की प्रक्रिया: चरणबद्ध कार्यान्वयन, पहले चरण में 60 औद्योगिक क्लस्टर और दूसरे चरण में 100 अतिरिक्त क्लस्टर कवर किए जाएंगे।
- योजना के घटक:
- ब्याज अनुदान: ऋण पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए 5% तथा मध्यम उद्यमों के लिए 3% ब्याज अनुदान।
- परियोजना सुव्यवस्थित कार्यान्वयन: इसमें निवेश ग्रेड एनर्जी ऑडिट और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) आदि की तैयारी के लिए सहायता करना शामिल है।
- प्रदान की जाने वाली सहायता: इसमें तकनीकी सहायता, वित्तीय प्रोत्साहन, निवेश ग्रेड एनर्जी ऑडिट आयोजित करने में सहायता आदि शामिल है।
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) के बारे में
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