13वीं नेशनल सीड कांग्रेस में "सस्टेनेबल सीड इकोसिस्टम के लिए नवाचार" पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें बीज प्रौद्योगिकियों, बायोफोर्टिफायड फसलों और डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) जैसी जलवायु-अनुकूल कृषि पद्धतियों को रेखांकित किया गया।
- सस्टेनेबल सीड इकोसिस्टम: खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार यह किसानों के लिए उपयुक्त फसल किस्मों के किफायती और गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
गुणवत्तापूर्ण बीजों का महत्त्व:
- ये फसलों के आनुवंशिक और भौतिक गुण बनाए रखते हैं तथा पौधों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता प्रदान करते हैं।
- इनके अंकुर अधिक मजबूत और तेजी से बढ़ते हैं तथा ये पेस्ट-प्रतिरोधी भी हो सकते हैं।
- इनकी जड़ प्रणाली का अधिक दक्षतापूर्वक विकास होता है। ये जड़ें पोषक तत्वों का बेहतर तरीके से उपयोग करती हैं। इससे अधिक उपज प्राप्त होती है।
- उन्नत किस्मों के अच्छे गुणवत्ता वाले बीज न्यूनतम 10-12% अधिक उपज प्रदान करते हैं।
भारत के सीड इकोसिस्टम के समक्ष चुनौतियां
- बीज प्रतिस्थापन दर (Seed Replacement Rate: SRR): भारत में यह दर लगभग 15-20% है। वैसे अलग-अलग फसल किस्मों में यह दर अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, संकर बीजों में यह 100% है।
- किसी खेत में बोई जाने वाली कुल फसल में से जितना हिस्सा प्रमाणित या गुणवत्ता वाले बीजों से बोया गया होता है, उसे ही बीज प्रतिस्थापन दर कहा जाता है। साधारण भाषा में, यह बताता है कि किसान अपने खेतों में कितने अच्छे और शुद्ध बीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- प्रमाणित बीज वे बीज होते हैं, जिनकी गुणवत्ता और शुद्धता की जांच की जा चुकी होती है।
- किसी खेत में बोई जाने वाली कुल फसल में से जितना हिस्सा प्रमाणित या गुणवत्ता वाले बीजों से बोया गया होता है, उसे ही बीज प्रतिस्थापन दर कहा जाता है। साधारण भाषा में, यह बताता है कि किसान अपने खेतों में कितने अच्छे और शुद्ध बीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
- मोनोकल्चर फार्मिंग: बीटी कपास की बड़े पैमाने पर खेती से जैव विविधता को नुकसान पहुंचता है और फसलों पर पेस्ट के हमलों का खतरा बढ़ जाता है।
- बीज के बाजार पर एकाधिकार: बेयर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बीज के बाजारों पर प्रभुत्व है। इससे स्थानीय स्तर पर संरक्षित बीजों का प्रसार नहीं हो पाता है।
- अन्य चुनौतियां:
- बीज विधेयक संसद में लंबित है; बीज क्षेत्रक में उद्यमिता की कमी है आदि।
सीड इकोसिस्टम के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदम
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