तटीय पोत परिवहन विधेयक, 2024 के निम्नलिखित उद्देश्य हैं
- तटीय पोत परिवहन को नियंत्रित करने वाले कानूनों को एकीकृत और संशोधित करना तथा इनमें एकरूपता लाना;
- तटीय व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना; तथा
- तटीय पोत परिवहन में घरेलू हितधारकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
भारत में तटीय पोत परिवहन का महत्त्व
- भारत की तटरेखा लगभग 7516.6 किलोमीटर लंबी है। साथ ही, भारत की तटरेखाएं महत्वपूर्ण वैश्विक पोत परिवहन मार्गों के निकट हैं। ऐसे में भारत में तटीय पोत परिवहन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
विधेयक के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- तटीय व्यापार पर प्रतिबंध: भारतीय जहाजों को छोड़कर अन्य जहाजों द्वारा बिना लाइसेंस के भारत के तटीय जल में व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
- भारत के अंतर्देशीय जहाजों को तटीय व्यापार में शामिल होने की अनुमति होगी।
- राष्ट्रीय तटीय और अंतर्देशीय पोत परिवहन रणनीतिक योजना: इसका उद्देश्य तटीय पोत परिवहन का विकास, संवृद्धि एवं संवर्धन करना होगा।
- राष्ट्रीय तटीय पोत परिवहन डेटाबेस का निर्माण: यह डेटाबेस प्रक्रियाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और सूचना को साझा करने में सहायता प्रदान करेगा।
- चार्टर्ड जहाजों को लाइसेंस: तटीय व्यापार के लिए लाइसेंस जारी करने का अधिकार महानिदेशक को दिया गया है। वह लाइसेंस जारी करते समय जहाज के चालक दल की नागरिकता और जहाज की निर्माण आवश्यकताओं जैसी कुछ शर्तों को ध्यान में रखेगा।
- लाइसेंसधारी को सुनवाई का उचित अवसर दिए बिना उसके लाइसेंस को न तो निलंबित या निरस्त किया जाएगा और न ही उसमें संशोधन किया जाएगा।
- अन्य प्रावधान:
- कुछ प्रकार के अपराधों में कम्पाउंडिंग यानी सुलह करने की अनुमति दी गई है;
- मुख्य अधिकारी द्वारा पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया गया है;
- कुछ मामलों के संबंध में महानिदेशक को सूचना मांगने का अधिकार दिया गया है।
भारत में तटीय पोत परिवहन उद्योग के बारे में
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