इस अध्ययन में जवाबदेही और दक्षता को बढ़ावा देने में प्रगति (PRAGATI) प्लेटफॉर्म की सफलता की प्रशंसा की गई है।
- इसमें दावा किया गया है कि प्रगति प्लेटफॉर्म उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नौकरशाही की जड़ता को समाप्त करने के लिए एक मॉडल साबित हो सकता है।
रिपोर्ट में रेखांकित प्रगति प्लेटफॉर्म के प्रभाव
- आर्थिक प्रभाव: इसने भूमि अधिग्रहण और मंत्रालयों के बीच समन्वय से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया है। इससे परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी आई है और परियोजना में देरी से होने वाले नुकसानों को कम किया जा सका है।
- यह प्लेटफॉर्म दर्शाता है कि अवसंरचना में लक्षित निवेश और प्रभावी गवर्नेंस से मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था ट्रैप से बाहर निकला जा सकता है।
- सामाजिक प्रभाव: यह प्लेटफॉर्म अविकसित और दूरदराज के क्षेत्रों में परियोजनाओं को प्राथमिकता देता है। इससे क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने में मदद मिली है।
- पर्यावरण पर प्रभाव: योजना बनाने में संधारणीयता को शामिल करने, पर्यावरणीय मंजूरी में तेजी लाने और हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने से परियोजनाओं के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिली है।
- उदाहरण के लिए- प्रगति प्लेटफॉर्म परियोजनाओं हेतु पर्यावरणीय मंजूरी के लिए परिवेश पोर्टल के साथ मिलकर काम कर रहा है।
- पॉजिटिव गवर्नेंस: प्रगति प्लेटफॉर्म ने प्रशासनिक दक्षता प्राप्त करने और सुशासन सुनिश्चित करने में मदद की है।
- उदाहरण के लिए- असम में बोगीबील रेल और सड़क पुल का निर्माण पूरा किया जा सका है। इससे पहले इसके क्रियान्वयन में देरी हो रही थी।
प्रगति (PRAGATI) प्लेटफॉर्म के बारे में:
- प्रगति से आशय है- प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन।
- शुरुआत: इसे डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत 2015 में शुरू किया गया था।
- कार्यान्वयन एजेंसी: प्रधान मंत्री कार्यालय।
- इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाना: परियोजना की रियल टाइम आधार पर निगरानी के लिए OSF डिजिटल तकनीक की सहायता ली जाती है।
- उदाहरण के लिए- यह प्लेटफॉर्म वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, रियल टाइम डेटा, ड्रोन फ़ीड जैसी तकनीकों का लाभ उठाता है।
- सहयोग करना: अलग-अलग सरकारी एजेंसियों की भागीदारी से प्रशासनिक विभागों को अपने स्तर पर अलग-थलग कार्य करने की बजाय समन्वय में कार्य करने पर जोर दिया जाता है।
- ई-पारदर्शिता और ई-जवाबदेही सुनिश्चित करना: शिकायतों को दूर करने के लिए प्रभावी तंत्र मौजूद है।
- परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाना: परियोजना की रियल टाइम आधार पर निगरानी के लिए OSF डिजिटल तकनीक की सहायता ली जाती है।