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भौगोलिक संकेतक (GI) टैग | Current Affairs | Vision IAS
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Posted 04 Dec 2024

44 min read

भौगोलिक संकेतक (GI) टैग

गुजरात की पारंपरिक विवाह की साड़ी 'घरचोला' को GI टैग दिया गया है।

  • यह साड़ी लाल, मैरून, हरे और पीले जैसे शुभ रंगों में तैयार की जाती है। पारंपरिक रूप से इसे हिंदू और जैन विवाहों के अवसर पर पहना जाता है।

GI टैग के बारे में

  • GI एक प्रतीक है, जिसका उपयोग उन उत्पादों पर किया जाता है, जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है तथा इस विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति के कारण उनमें विशिष्ट गुण या प्रतिष्ठा होती है।
  • भारत में यह वस्तुओं का भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत दिया जाता है।
    • भौगोलिक संकेतक का पंजीकरण 10 वर्षों की अवधि के लिए वैध होता है, जिसे बाद में नवीनीकृत कराया जा सकता है।
  • लाभ: यह विशेष उत्पाद के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही, उस उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देता है तथा उत्पाद की गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है।
  • Tags :
  • भौगोलिक संकेतक
  • GI टैग
  • घरचोला

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024

लोक सभा ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया। 

इस विधेयक के मुख्य प्रावधानों पर एक नजर

  • यह RBI अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, SBI अधिनियम 1955 आदि महत्वपूर्ण अधिनियमों में संशोधन करता है।
  • नकद भंडार (कैश रिजर्व्स) के लिए पखवाड़े (फोर्टनाइट) की परिभाषा: RBI अधिनियम के तहत, अनुसूचित बैंकों को नकदी भंडार के रूप में RBI में औसत दैनिक शेष का एक निश्चित स्तर बरकरार रखना होता है। यह औसत दैनिक शेष एक पखवाड़े के प्रत्येक दिन के कारोबार की समाप्ति पर बैंकों द्वारा रखे गए शेष के औसत पर आधारित होता है। यह विधेयक पखवाड़े की परिभाषा को अनुसूचित व गैर-अनुसूचित दोनों तरह के बैंकों के लिए निम्नलिखित अवधि में बदलता है: 
    • प्रत्येक महीने के पहले दिन से पंद्रहवें दिन तक, या
    •  प्रत्येक महीने के सोलहवें दिन से अंतिम दिन तक। 
  • बैंकिंग विनियमन अधिनियम किसी बैंक के निदेशक को लगातार आठ वर्षों से अधिक समय तक पद पर बने रहने से निषिद्ध करता है। विधेयक में सहकारी बैंकों के लिए इस अवधि को बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया है।
  • यह विधेयक निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि (IEPF) में हस्तांतरित की जाने वाली धनराशि के दायरे को विस्तृत करता है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं: 
    • ऐसे शेयर जिनके लिए लगातार सात वर्षों तक लाभांश का भुगतान नहीं किया गया है या उस पर दावा नहीं किया गया है, और 
    • बॉण्ड्स के लिए कोई ब्याज या रिडम्पशन राशि जिसका सात वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है/ जिस पर दावा नहीं किया गया है। 
  • Tags :
  • बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक
  • RBI अधिनियम 1934
  • बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949

अखिल भारतीय आवास मूल्य सूचकांक (HPI)

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपना त्रैमासिक आवास मूल्य सूचकांक (AHPI) जारी किया।

  • HPI: इसमें वित्त-वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 4.3% की वृद्धि हुई है, जो पिछली तिमाही में 3.3% थी।
  • HPI के तहत बेंगलुरु में सबसे अधिक 8.8% की वृद्धि देखी गई है, जबकि कानपुर में -2.0% की गिरावट देखी गई है।

अखिल भारतीय आवास मूल्य सूचकांक के बारे में

  • आधार वर्ष: 2010-11 = 100. 
  • डेटा स्रोत: 10 प्रमुख शहरों के पंजीकरण प्राधिकरणों से प्राप्त ट्रांजेक्शन डेटा।
  • कवर किए गए शहर: अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई आदि।
  • Tags :
  • अखिल भारतीय आवास मूल्य सूचकांक
  • HPI

रिस्ट्रिक्टेड रिटर्न InvITs

सेबी (SEBI) ने रिस्ट्रिक्टेड रिटर्न इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) के लिए एक फ्रेमवर्क को प्रस्तावित की है।

  • InvITs म्युचुअल फंड्स की तरह निवेश योजनाएं हैं। ये व्यक्तियों और संस्थागत निवेशकों को अवसंरचना परियोजनाओं में निवेश करने की अनुमति प्रदान करती हैं, ताकि वे प्रतिफल के रूप में आय प्राप्त कर सकें।

रिस्ट्रिक्टेड रिटर्न InvITs के बारे में

  • InvIT का प्रायोजक निवेशक को एक निश्चित प्रतिफल या लाभांश की गारंटी प्रदान कर सकता है।
    • यदि निर्धारित रिटर्न या लाभांश जनरेट नहीं होता है, तो प्रायोजक अपने स्वयं के फंड से इस कमी को पूरा करने के लिए कदम उठाता है। इससे निवेशक के नुकसान की भरपाई होती है।
    • लेकिन अगर लाभांश निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है, तो अतिरिक्त राशि प्रायोजक को मिलेगी। इसका अर्थ है कि निवेशक की अधिकतम कमाई (upside) एक सीमा पर सीमित (cap) हो जाएगी।
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  • InvITs
  • SEBI
  • रिस्ट्रिक्टेड रिटर्न इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स

UNCCD के COP-16 में नई पहलें लॉन्च की गई

सऊदी अरब की अध्यक्षता में UNCCD के COP-16 के दौरान निम्नलिखित तीन नई पहलें शुरू की गई:

  • रियाद ड्रॉट रेजिलिएंस पार्टनरशिप: इसके तहत सबसे सुभेद्य और सूखा प्रभावित 80 देशों को सहायता प्रदान करने के लिए सार्वजनिक और निजी वित्त का उपयोग किया जाएगा।
  • वर्ल्ड ड्रॉट एटलस: इसे यूरोपीय आयोग संयुक्त अनुसंधान केंद्र (JRC) और अन्य भागीदारों के सहयोग से UNCCD द्वारा लॉन्च किया गया है।
    • इसमें ऊर्जा, कृषि, नदी परिवहन और व्यापार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रकों में सूखे से संबंधित प्रणालीगत जोखिमों को दर्शाया गया है।
  • इंटरनेशनल ड्रॉट रेजिलिएंस ऑब्ज़र्वेटरी (IDRO): इसे इंटरनेशनल ड्रॉट रेजिलिएंस अलायंस (IDRA) ने लॉन्च किया है।
    • यह सूखे से निपटने के लिए पहला वैश्विक, AI-संचालित डेटा प्लेटफॉर्म है।
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  • UNCCD
  • COP-16
  • रियाद ड्रॉट रेजिलिएंस पार्टनरशिप
  • वर्ल्ड ड्रॉट एटलस
  • IDRO

दक्षिण कोरिया का मार्शल लॉ

हाल ही में, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की।

  • कोरिया गणराज्य की स्थापना के बाद से अब तक वहां 16 बार मार्शल लॉ लगाया जा चुका है। इसे आखिरी बार 1980 में लगाया गया था।

मार्शल लॉ के बारे में

  • मार्शल लॉ: इसमें सिविल प्रशासन को निलंबित कर दिया जाता है, तथा संसद, मीडिया और राजनीतिक दलों पर सैन्य नियंत्रण हो जाता है।
  • संवैधानिक आधार: दक्षिण कोरिया के संविधान के अनुच्छेद 77 के अनुसार, लोक सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय आपातकाल के समय मार्शल लॉ की उद्घोषणा की जा सकती है।
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  • दक्षिण कोरिया का मार्शल लॉ
  • आपातकालीन मार्शल लॉ

सुगम्य भारत अभियान

प्रधान मंत्री ने सुगम्य भारत अभियान के 9 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी। 

सुगम्य भारत अभियान के बारे में

  • इस कार्यक्रम की शुरुआत 2015 में की गई थी।
  • इसका उद्देश्य तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दिव्यांगजनों की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है। ये तीन क्षेत्र हैं: 
    • निर्मित अवसंरचना, 
    • परिवहन प्रणालियां, और 
    • सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) इकोसिस्टम।
  • हालांकि, सुगम्य भारत अभियान को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन इसके उद्देश्यों को अब दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए योजना (SIPDA) के व्यापक दायरे के तहत बाधा मुक्त परिवेश योजना में समाहित कर लिया गया है। 
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  • दिव्यांगजन
  • सुगम्य भारत अभियान
  • SIPDA
  • बाधा मुक्त परिवेश योजना

MH-60R हेलीकॉप्टर

हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के तहत भारत को MH-60R हेलीकॉप्टरों के लिए सहायक उपकरणों की बिक्री हेतु 1.17 बिलियन डॉलर के सौदे को मंजूरी दी है।

  • भारतीय नौसेना ने मार्च 2024 में कोच्चि में INS गरुड़ पर MH-60R सीहॉक बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टरों का पहला स्क्वाड्रन कमीशन किया था।
    • ये 24 लॉकहीड मार्टिन/ सिकोरस्की MH-60R सीहॉक के लिए 2.6 बिलियन डॉलर के विदेशी सैन्य बिक्री सौदे का हिस्सा हैं।

MH-60R हेलीकॉप्टर के बारे में

  • ये हेलीकॉप्टर पनडुब्बी-रोधी युद्ध (ASW) और सतह-रोधी युद्ध (ASuW) की क्षमता प्रदान करते हैं।
  • इन्हें तट और जहाज दोनों से संचालित किया जा सकता है।
  • इनमें उन्नत डिजिटल सेंसर्स लगे हुए हैं, जैसे- मल्टी-मोड रडार, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स सिस्टम, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/ इन्फ्रारेड कैमरा आदि।
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  • MH-60R हेलीकॉप्टर
  • INS गरुड़
  • सीहॉक
  • लॉकहीड मार्टिन

एक्स्ट्राक्रोमोसोमल DNA (ecDNA)

अध्ययनों से पता चला है कि ecDNA किस प्रकार कैंसर की प्रगति और दवा प्रतिरोध को बढ़ाता है।

एक्स्ट्राक्रोमोसोमल DNA (ecDNA) के बारे में

  • ये गुणसूत्रों से अलग होकर नाभिक में स्वतंत्र रूप से मौजूद रहते हैं। ये सूक्ष्म चक्रीय डीएनए खंड हैं। 
  • उत्पत्ति: DNA क्षति (जैसे, क्रोमोथ्रिप्सिस) या DNA प्रतिकृति के दौरान त्रुटियों के कारण निर्मित होते है।
  • कैंसर में ecDNA की भूमिका:
    • यह कुछ ट्यूमर प्रकारों में 90% तक पाया जाता है। इन ट्यूमर्स के प्रकारों में ब्रेन ट्यूमर, लिपोसारकोमा और स्तन कैंसर शामिल हैं।
    • ecDNA में प्रायः अनेक ऑन्कोजीन होते हैं, जो ट्यूमर वृद्धि और दवा प्रतिरोध को बढ़ावा देते हैं।
      • ऑन्कोजीन उत्परिवर्तित जीन होते हैं। ये कैंसर उत्पन्न करने में सक्षम होते हैं तथा ट्यूमर के विकास को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • Tags :
  • एक्स्ट्राक्रोमोसोमल DNA
  • ecDNA

उष्णकटिबंधीय पादप सुबाबुल

हाल ही में, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उन्नत अध्ययन संस्थान (IASST), गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने टाइप-II मधुमेह से संबंधित इंसुलिन प्रतिरोध के प्रबंधन में सुबाबुल के चिकित्सीय महत्त्व को उजागर किया है।

सुबाबुल (ल्यूकेना ल्यूकोसेफाला) के बारे में

  • यह एक तेजी से बढ़ने वाला पारंपरिक औषधीय फलीदार वृक्ष है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का स्थानिक वृक्ष है।
  • पारंपरिक रूप से नृजातीय समुदायों द्वारा इसका इसके पोषण मूल्य के कारण उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों और बीजों को कच्चा खाया जाता है या प्रोटीन व फाइबर के समृद्ध स्रोत के रूप में सूप एवं सलाद के रूप में भी खाया जाता है।
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  • उष्णकटिबंधीय पादप सुबाबुल
  • IASST
  • ल्यूकेना ल्यूकोसेफाला
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