मध्य प्रदेश के अन्य टाइगर रिज़र्व कान्हा, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय-दुबरी, पन्ना और वीरांगना दुर्गावती हैं।
रातापानी वन्यजीव अभयारण्य के बारे में
- अवस्थिति: यह मध्य प्रदेश के रायसेन और सीहोर जिलों में स्थित है।
- प्रमुख स्थल: इसमें विश्व धरोहर स्थल "भीमबेटका शैलाश्रय" और कई अन्य स्थल जैसे गिन्नौरगढ़ का किला, PoW कैंप, केरी महादेव, झोलियापुर बांध आदि शामिल हैं।
- वनस्पति और जीव:
- रातापानी में शुष्क पर्णपाती और आर्द्र पर्णपाती प्रकार के वन पाए जाते हैं। इस वन के लगभग 55 प्रतिशत क्षेत्र पर सागौन के वृक्ष मौजूद हैं।
- प्रमुख प्राणियों में बाघ, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, चित्तीदार हिरण, सांभर हिरण आदि शामिल हैं।
भारत में टाइगर रिज़र्व घोषित करने की प्रक्रिया
- राज्य सरकारें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V के प्रावधानों के अनुसार टाइगर रिजर्व अधिसूचित करती हैं। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) से सलाह ली जाती है।
- अधिसूचना में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
- राज्य से प्रस्ताव प्राप्त होना;
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V के अंतर्गत NTCA विस्तृत विवरणों की मांग करते हुए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी देता है;
- NTCA समुचित जांच के बाद राज्य को प्रस्ताव की सिफारिश करता है;
- राज्य सरकार संबंधित क्षेत्र को टाइगर रिज़र्व के रूप में अधिसूचित करती है।
बाघों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयास
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