बीमा क्षेत्रक के प्रदर्शन की समीक्षा और विनियमन पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट लोक सभा में पेश की गई | Current Affairs | Vision IAS
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बीमा क्षेत्रक के प्रदर्शन की समीक्षा और विनियमन पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट लोक सभा में पेश की गई

Posted 10 Dec 2024

10 min read

भारत में बीमा क्षेत्रक की स्थिति:

  • बीमा पैठ: भारत में बीमा पैठ 2001-02 के 2.71% से बढ़कर 2021-22 में 4.2% हो गई थी। 
    • 2021-22 में बीमा पैठ का वैश्विक औसत 7% था। 
  • बीमा घनत्व: बीमा घनत्व 2001-02 में 11.5 डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 91 डॉलर हो गया है। 
    • 2021-22 में बीमा घनत्व का वैश्विक औसत 874 डॉलर था।
  • बीमा व्यवसाय: 2021 में 3.23% बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत का जीवन बीमा व्यवसाय में 9वां स्थान था। 

भारत में बीमा क्षेत्रक से जुड़ी समस्याएं: 

  • मिसिंग मिडिल: नीति आयोग के अनुसार, भारत की लगभग 30% आबादी स्वास्थ्य बीमा से वंचित है।
  • सार्वजनिक क्षेत्रक की कंपनियों के लिए समान अवसरों की कमी: ये बीमा कंपनियां पर्याप्त पूंजी की कमी से जूझ रही हैं। इसके अलावा, इनके पास नकदी प्रवाह की भी कमी है, जो इनकी दीर्घकालिक देनदारियों को पूरा कर सकें।  
  • नीतिगत रोडमैप का अभाव: भारत ने 2047 तक सभी के लिए बीमा का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए कोई स्पष्ट नीति या रोडमैप उपलब्ध नहीं है। 

बीमा क्षेत्रक को आगे बढ़ाने के लिए की गई सिफारिशें: 

  • सुभेद्य वर्गों की वित्तीय सुरक्षा के लिए नए किफायती सूक्ष्म बीमा उत्पाद विकसित करने की आवश्यकता है।
  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक की बीमा कंपनियों द्वारा प्रदान किए जाने वाले बीमा उत्पादों पर लागू GST पर TDS दरों में एकरूपता लाने की जरूरत है।
  • बीमा कंपनियों को एक ही लाइसेंस के तहत जीवन और गैर-जीवन बीमा उत्पादों की पेशकश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
  • वर्तमान में स्वास्थ्य बीमा और टर्म इंश्योरेंस पर लागू 18% GST दर को घटाकर बीमा को किफायती बनाना चाहिए। 

भारत में बीमा क्षेत्रक के विकास के लिए उठाए गए कदम

  • भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI): इसका उद्देश्य बीमा व्यवसाय की व्यवस्थित संवृद्धि सुनिश्चित करना है।  
  • बीमा अधिनियम 1938: इसके तहत बीमा व्यवसायों के कामकाज के लिए विधायी फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। 
  • नई योजनाएं: प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) आदि।
  • Tags :
  • बीमा क्षेत्रक
  • भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI)
  • बीमा अधिनियम 1938
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