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भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A | Current Affairs | Vision IAS
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Posted 12 Dec 2024

34 min read

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A

सुप्रीम कोर्ट ने महिला द्वारा पति और उसके परिजनों के खिलाफ ‘व्यक्तिगत प्रतिशोध’ की भावना से भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के ‘बढ़ते दुरुपयोग’ की आलोचना की है।

  • ज्ञातव्य है कि IPC की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) ने ले ली है।

IPC की धारा 498A के बारे में

  • इस प्रावधान का उद्देश्य उन महिलाओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना है, जो अपने पति या ससुराल वालों द्वारा की गई क्रूरता का शिकार होती हैं। 
  • सजा: दोषी सिद्ध होने पर तीन साल तक की कैद और जुर्माना भी हो सकता है।

भारतीय न्याय संहिता में, यह प्रावधान धारा 85 के तहत शामिल किया गया है।

  • Tags :
  • भारतीय दंड संहिता (IPC)
  • भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A

उपकर और अधिभार (Cess and Surcharge)

हाल ही में, 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष ने उपकर और अधिभार पर चिंताओं को रेखांकित किया।

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 270 व 271 उपकर और अधिभार लगाने से संबंधित हैं।

उपकर और अधिभार के बारे में

  • उपकर (Cess): यह विशिष्ट उद्देश्यों के लिए लगाया जाता है। इसका भुगतान करने वाले बदले में इसका लाभ प्राप्त करने के अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं।  
    • इन्हें आम तौर पर मौजूदा करों के अतिरिक्त लगाया जाता है। इनकी प्रतिशत दर निश्चित होती है या मूल्य के अनुसार (ad valorem) गणना की जा सकती है।
    • इस कर से प्राप्त राजस्व को भारत की संचित निधि में जमा किया जाता है। इसे संसद की मंजूरी से ही खर्च किया जा सकता है।
  • अधिभार: यह मौजूदा शुल्कों और करों पर लगाया गया एक अतिरिक्त कर है। यह वास्तव में “कराधान पर कर” (Tax on tax) है।
    • जहां उपकर किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए लगाए जाते हैं वहीं, अधिभार किसी विशिष्ट उद्देश्य से नहीं लगाए जाते हैं। 
    • केंद्र सरकार अपने विवेक के अनुसार इसे खर्च कर सकती है।
  • दोनों स्रोतों से प्राप्त राजस्व को भारत की संचित निधि में जमा किया जाता है।
  • राज्यों के साथ साझा किए जाने वाले विभाज्य करों के विपरीत, उपकर और अधिभार से प्राप्त राजस्व को राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है।
  • Tags :
  • उपकर
  • अधिभार
  • अनुच्छेद 270

वैश्विक मानव तस्करी रिपोर्ट 2024

मादक पदार्थ एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) ने ‘वैश्विक मानव तस्करी रिपोर्ट, 2024’ जारी की है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • 2022 में, दुनिया भर में मानव तस्करी के ज्ञात पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। यह संख्या 2019 की कोविड महामारी से पहले की संख्या से 25% अधिक है। 
  • 2022 में मानव तस्करी के 61% पीड़ित महिलाएं और लड़कियां थीं।

UNODC के बारे में

  • इसकी स्थापना 1997 में हुई थी। 
  • इसका मुख्यालय वियना में है। 
  • यह संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है। यह एजेंसी मादक पदार्थों की तस्करी, संगठित अपराध और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व करती है। 
  • Tags :
  • UNODC
  • वैश्विक मानव तस्करी रिपोर्ट, 2024
  • तस्करी

मार्बल्ड बत्तख (Marbled duck)

सुल्तानपुर नेशनल पार्क में 30 वर्षों में पहली बार मार्बल्ड बतख की उपस्थिति को दर्ज किया गया है।

मार्बल्ड बतख के बारे में

  • मार्बल्ड टील मध्यम आकार की बत्तखें हैं।
  • बतख की यह प्रजाति दक्षिणी यूरोप, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका, मध्य पूर्व, रूस, भारत और चीन में पाई जाती है।
  • IUCN रेड लिस्ट स्थिति: नियर थ्रीटेंड। 

सुल्तानपुर नेशनल पार्क के बारे में 

  • यह हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित है। 
  • प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियां आहार की तलाश में और सर्दियां बिताने के लिए यहां आती हैं।
  • इसे 2021 में अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि यानी “रामसर साइट” का दर्जा दिया गया था।
  • वनस्पति: बबूल, जामुन और नीम के पेड़ों के मिश्रित जंगल तथा साथ ही घास के मैदान।
  • जीव-जंतु: बार-हेडेड गूज, भारतीय चित्तीदार चील जैसी पक्षी प्रजातियां, आदि।
  • Tags :
  • मार्बल्ड बत्तख
  • सुल्तानपुर नेशनल पार्क
  • गुरुग्राम
  • नियर थ्रीटेंड

राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार, 2024

हाल ही में, ग्रामीण भारत में सतत और समावेशी विकास में पंचायतों के योगदान के लिए 45 पंचायतों को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। 

राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 के बारे में

  • इस पुरस्कार की शुरुआत पंचायती राज मंत्रालय ने की है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ जोड़ने के लिए पुरस्कार को SDGs का स्थानीयकरण (LSDGs) नामक एक केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से नया रूप दिया गया है। साथ ही, यह पुरस्कार 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को भी समेकित करता है। 
  • पंचायतों को सतत विकास के 9 विषयगत क्षेत्रों में उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंक और मान्यता दी गई है- 
    • गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका पंचायत, 
    • बाल अनुकूल पंचायत, 
    • महिला अनुकूल पंचायत, 
    • जल-अनुकूल पंचायत आदि। 
  • उद्देश्य: SDGs की प्राप्ति में पंचायतों के प्रदर्शन का आकलन करना, उनके बीच प्रतिस्पर्धी भावना को बढ़ावा देना आदि।
  • Tags :
  • पंचायत
  • राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024

ब्लूटूथ लो एनर्जी गेटवे

IIT रोपड़ में अत्याधुनिक ब्लूटूथ लो एनर्जी गेटवे और नोड सिस्टम लॉन्च किया गया है।

ब्लूटूथ लो एनर्जी गेटवे के बारे में

  • नोड सिस्टम ब्लूटूथ-सक्षम सेंसर्स को क्लाउड प्लेटफॉर्म से कनेक्ट करता है। इससे निर्बाध डेटा ट्रांसमिशन, रियल टाइम पर्यावरण निगरानी और अलग-अलग क्षेत्रकों में उन्नत विश्लेषण सक्षम होता है।

इसकी मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं: 

  • मजबूत कनेक्टिविटी: यह लोचशील नेटवर्किंग के लिए 4जी, वाई-फाई और LAN (लोकल एरिया नेटवर्क) अनुकूलता प्रदान करता है।
  • लंबी दूरी का संचार: यह लाइन-ऑफ़-विज़न (LOS) परिदृश्यों में 1 कि.मी. तक डेटा ट्रांसमिशन का समर्थन करता है।
  • उपयोग: परिशुद्ध कृषि, लोजिस्टिक्स; स्मार्ट शहरों; औद्योगिक स्थलों की निगरानी आदि में।
  • Tags :
  • IIT रोपड़
  • ब्लूटूथ लो एनर्जी गेटवे

प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (PMBJK)

केंद्र सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (PMBJK) चलाने की मंजूरी दी है।

प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र (PMBJK) के बारे में

  • इसका उद्देश्य वहनीय कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराना है।
  • इसे प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत शुरू किया गया है।
    • PMBJP को 2008 में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के औषध विभाग ने शुरू किया था।
  • दवा की ये दुकानें सुनिश्चित करती हैं कि आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवा सभी के लिए और विशेष रूप से वंचित व्यक्तियों के लिए सुलभ हो।
  • Tags :
  • PACS
  • PMBJK
  • प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र

ला नीना

हाल ही में, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने बताया है कि दिसंबर से फरवरी की अवधि में कमजोर और छोटी ला नीना स्थितियां उभर सकती हैं।

ला नीना के बारे में

  • ला नीना अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO) के तीन चरणों में से एक है।
  • इसके दौरान मध्य और पूर्व-मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान कुछ अवधि के लिए सामान्य से कम हो जाता है।
    • ऐसी स्थिति आमतौर पर, हर 3 से 5 साल में एक बार होती है। 
    • इसका भारतीय मानसून पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • ला नीना के दौरान:
    • व्यापारिक पवनों का प्रवाह सामान्य से अधिक हो जाता है। इससे समुद्र का अधिक गर्म जल प्रशांत महासागर के एशिया वाले हिस्से की तरफ बहकर आ जाता है।
    • अमेरिका महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर समुद्र की सतह पर ठंडा और पोषक तत्वों से भरपूर जल ऊपर आ जाता है। 
  • इसका मौसम, वनाग्नि, पारिस्थितिकी-तंत्र, अर्थव्यवस्था आदि पर वैश्विक प्रभाव पड़ता है।
  • Tags :
  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)
  • ला नीना
  • अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ENSO)
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