जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने पुष्टि की है कि ब्रह्मांड का अप्रत्याशित दर से विस्तार हो रहा है | Current Affairs | Vision IAS
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    जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने पुष्टि की है कि ब्रह्मांड का अप्रत्याशित दर से विस्तार हो रहा है

    Posted 12 Dec 2024

    11 min read

    NASA के JSWT से प्राप्त नवीन डेटा हबल स्पेस टेलीस्कोप की पिछली खोज की पुष्टि करता है। 

    • दरअसल हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पुष्टि की थी कि ब्रह्मांड के विस्तार की दर लगभग 8% अधिक है।

    ब्रह्मांड के विस्तार की दर

    • हबल का नियम: इसे हबल कांस्टेंट भी कहा जाता है। इसके अनुसार ब्रह्मांड का विस्तार 67 से 68 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक की दर से हो रहा है। 
      • एक मेगापार्सेक 3.26 मिलियन प्रकाश वर्ष के बराबर है। 
    • हालांकि, टेलीस्कोप के डेटा के अनुसार ब्रह्मांड विस्तार की दर 70 से 76 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक है।
      • ब्रह्मांड के विस्तार की दर के बारे में टेलीस्कोप के डेटा और हबल कांस्टेंट के बीच इस विसंगति या अंतर को 'हबल टेंशन' कहा जाता है। 

    ब्रह्मांड विस्तार के संभावित कारण:

    • डार्क मैटर: ब्रह्मांड का 27% हिस्सा डार्क मैटर से बना है। यह काल्पनिक पदार्थ अब तक अदृश्य बना हुआ है। हालांकि तारों, ग्रहों, चंद्रमाओं जैसे साधारण पिंडों पर इसके गुरुत्वाकर्षण प्रभावों के आधार पर इसके अस्तित्व का अनुमान लगाया जाता है।  
      • ब्रह्मांड का लगभग 5% हिस्सा साधारण मैटर है। 
    • डार्क एनर्जी: यह भौतिकविदों द्वारा सुझाव दी गई ऊर्जा का एक काल्पनिक रूप है। भौतिकविदों के अनुसार इस एनर्जी के कारण ही ब्रह्मांड का न केवल विस्तार हो रहा है बल्कि तेजी से विस्तार हो रहा है। 
      • ब्रह्मांड का लगभग 68.3 से 70% हिस्सा डार्क एनर्जी है। 
      • यह एक “एंटी-ग्रेविटी" बल है। यह स्पेसटाइम के फैब्रिक के खिंचाव का कारण है।
        • स्पेसटाइम का फैब्रिक वास्तव में स्पेस के तीन आयामों को टाइम के चौथे आयाम के साथ संयोजित करने वाला एक मॉडल है। 

    ब्रह्मांड के विस्तार के मुख्य प्रमाण: 

    • आकाशगंगाओं का रेडशिफ्ट: दूर स्थित आकाशगंगाओं से आने वाला प्रकाश रेडशिफ्ट हुआ होता है। इसका अर्थ है कि उनकी वेवलेंथ में खिंचाव आ गया होता है। यह दर्शाता है कि वे हमसे दूर जा रही हैं, यानी फ़ैल रही हैं। 
    • कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB): ये बिग बैंग परिघटना के बाद अवशेष विकिरण हैं। ये पूरे ब्रह्मांड में भरे हुए हैं, और ये सभी दिशाओं में फैले होते हैं। 
    • अन्य प्रमाण: सुपरनोवा अवलोकन, गुरुत्वाकर्षण तरंगों का अवलोकन आदि। 
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    • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST)
    • डार्क मैटर
    • डार्क एनर्जी
    • कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB)
    • सुपरनोवा
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