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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व मलेरिया रिपोर्ट, 2024 जारी की गई

Posted 12 Dec 2024

12 min read

इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:

  • वैश्विक स्तर पर, मलेरिया के मामले 2023 में बढ़कर 263 मिलियन हो गए थे। मलेरिया की घटनाएं जोखिमग्रस्त प्रति 1000 की आबादी पर बढ़कर 60.4 तक हो गई हैं, जो 2022 में 58.6 थीं।
  • WHO द्वारा मलेरिया के कुल वैश्विक मामलों का 94% अफ्रीकी क्षेत्र में दर्ज किया गया है।
  • इस रिपोर्ट में भारत से संबंधित निष्कर्ष:
    • मलेरिया के मामलों में कमी: भारत में मलेरिया के मामले 2017 के 6.4 मिलियन से घटकर 2023 में 2 मिलियन रह गए थे। यह अंतराल 69% की कमी को दर्शाता है।
    • मलेरिया से होने वाली मौतों में कमी: 2017 में मलेरिया के कारण 11,100 मौतें हुई थीं, जो 2023 में घटकर 3,500 रह गई थीं। यह अंतराल 68% की कमी को दर्शाता है।
    • 2024 में भारत आधिकारिक तौर पर हाई बर्डन टू हाई इम्पैक्ट (HBHI) समूह से बाहर हो गया था।

मलेरिया के बारे में

  • मलेरिया एक प्राण-घातक बीमारी है, जो प्लाज्मोडियम परजीवियों के कारण होती है। यह बीमारी संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलती है।
  • भौगोलिक प्रसार: इसका प्रसार मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय देशों में है।
  • लक्षण: बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, थकान आदि।
  • प्लाज्मोडियम प्रजातियां: 5 प्लाज्मोडियम प्रजातियों के कारण मनुष्यों को मलेरिया होता है। ये प्रजातियां हैं- पी. फाल्सीपेरम, पी. विवैक्स, पी. मलेरिया, पी. ओवले और पी. नॉलेसी।
    • इनमें से पी. फाल्सीपेरम और पी. विवैक्स मलेरिया रोग के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार हैं।
  • मलेरिया की वैक्सीन: 
    • RTS,S/AS01 वैक्सीन: WHO ने 2021 में पहली वैक्सीन को मंजूरी दी थी।
    • R21/ Matrix-M वैक्सीन: WHO ने 2023 में दूसरी वैक्सीन को मंजूरी दी थी।

मलेरिया उन्मूलन के लिए शुरू की गई पहलें

  • मलेरिया के लिए WHO की वैश्विक तकनीकी रणनीति 2016-2030: यह मलेरिया से प्रभावित देशों के लिए तकनीकी फ्रेमवर्क प्रदान करती है। इसे 2021 में अपडेट किया गया था।
  • भारत की राष्ट्रीय रणनीतिक योजना: मलेरिया उन्मूलन 2023-27 पर लक्षित है। 

मलेरिया की सुभेद्यता बढ़ाने वाले कारक

  • जैविक भेद्यता: इसमें शारीरिक विशेषताएं जैसे उम्र, लैंगिक लक्षण, रोग प्रतिरोधक क्षमता और अन्य आनुवंशिक कारक शामिल हैं।
  • पर्यावरणीय कारक: उदाहरण के लिए जलवायु परिवर्तन और भूमि उपयोग में बदलाव मलेरिया के जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • सामाजिक और आर्थिक कारक: सामाजिक-आर्थिक स्थिति, लैंगिक असमानता, दिव्यांगता, नृजातीयता एवं प्रवासियों की स्थिति से सुभेद्यताएं उत्पन्न होती हैं।
  • संरचनात्मक चुनौतियां: संघर्ष, प्रवासन और स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता में व्यवधान से मलेरिया का खतरा बढ़ता है।
  • Tags :
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
  • विश्व मलेरिया रिपोर्ट, 2024
  • हाई बर्डन टू हाई इम्पैक्ट (HBHI)
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