जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने स्टेम सेल अनुसंधान केंद्र (CSCR) के साथ मिलकर हीमोफीलिया A के लिए पहली मानव जीन थेरेपी विकसित की | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने स्टेम सेल अनुसंधान केंद्र (CSCR) के साथ मिलकर हीमोफीलिया A के लिए पहली मानव जीन थेरेपी विकसित की

Posted 12 Dec 2024

9 min read

इस जीन थेरेपी में हीमोफीलिया A के इलाज हेतु लेंटीवायरल वेक्टर का उपयोग किया गया है। इस वेक्टर का ऑटोलॉगस हेमेटोपोएटिक स्टेम कोशिकाओं (HSC) में फैक्टर VIII जीन की सामान्य प्रतिकृति का समावेश करने के लिए उपयोग किया गया है।  

  • लेंटीवायरल वेक्टर: यह एक प्रकार का विषाणु वाहक है। इसका आनुवंशिक सामग्री को स्थानांतरित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • HSCs (हेमेटोपोएटिक स्टेम कोशिकाएं): ये बहुक्षमता वाली कोशिकाएं हैं, जो सभी प्रकार की रक्त कोशिकाओं में विकसित हो सकती हैं।

जीन थेरेपी के बारे में 

  • जीन थेरेपी एक ऐसी तकनीक है, जिसमें किसी रोग या विकार के उपचार, रोकथाम या इलाज के लिए जीन का उपयोग किया जाता है।
    • इसमें स्वास्थ्य को सुधारने या ठीक करने के लिए दोषपूर्ण जीन को हटाना, हानिकारक जीन को निष्क्रिय करना, या नए जीन को शामिल करना जैसे कार्य किये जाते हैं।
    • इसमें प्लाज्मिड DNA, ह्यूमन जीन एडिटिंग प्रौद्योगिकी आदि जैसे उत्पादों/ विधियों का उपयोग किया जाता है।
      • प्लाज्मिड DNA: ये आनुवंशिक रूप से डिजाइन किए गए सर्कुलर DNA अणु होते हैं। 
  • जीन थेरेपी के प्रकार
    • जर्मलाइन जीन थेरेपी: इसमें जर्मलाइन कोशिका (अंडाणु या शुक्राणु) को कार्यात्मक जीन को शामिल करके संशोधित किया जाता है।
    • सोमैटिक सेल जीन थेरेपी: इसके तहत रोगी की सोमैटिक कोशिकाओं में उपचारात्मक जीन को स्थानांतरित किया जाता है।
      • सोमैटिक कोशिकाएं जर्मलाइन कोशिकाओं को छोड़कर अन्य कोशिकाएं होती हैं। 
  • उपयोग: इससे वंशानुगत आनुवंशिक रोग (जैसे, सिकल सेल रोग) और एक्वायर्ड डिसॉडर (जैसे, ल्यूकेमिया) दोनों का उपचार किया जा सकता है।

हीमोफीलिया के बारे में

  • यह एक दुर्लभ स्थिति है, जो रक्त के थक्के जमने की क्षमता को प्रभावित करती है।
  • भारत विश्व में हीमोफीलिया के मामले में दूसरे स्थान पर है।
  • हीमोफीलिया A थक्का बनाने वाले फैक्टर VIII की कमी के कारण होता है ।
  • Tags :
  • स्टेम सेल अनुसंधान केंद्र (CSCR)
  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT)
  • HSCs (हेमेटोपोएटिक स्टेम कोशिकाएं)
  • हीमोफीलिया A
  • जीन थेरेपी
Watch News Today
Subscribe for Premium Features