बजट में कृषि उत्पादकता और अनुकूलता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित पहलों की घोषणा की गई हैं:
प्रधान मंत्री धन-धान्य कृषि योजना:
- यह योजना आकांक्षी जिला कार्यक्रम (Aspirational Districts Programme) से प्रेरित है। यह योजना राज्यों के साथ साझेदारी में शुरू की जाएगी।
- कवरेज: इस योजना में 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। ये ऐसे जिले होंगे:
- जहां कृषि उत्पादकता कम है,
- जहां फसल गहनता सामान्य है, और
- जो कृषि ऋण प्राप्त करने के लिए मानदंडों को कम पूरा करते हैं।
- योजना के अपेक्षित प्रभाव: पूरे भारत में 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने का अनुमान है।
- फोकस वाले मुख्य क्षेत्र:
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना।
- फसल विविधीकरण एवं संधारणीय पद्धतियों को बढ़ावा देना।
- फसल कटाई के बाद पंचायत और ब्लॉक स्तर पर अनाज भंडारण सुविधाओं की संख्या और क्षमता बढ़ाना।
- सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना।
- किसानों को दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण दिलाने में मदद करना।
ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलता निर्माण कार्यक्रम (Building Rural Prosperity and Resilience Program):
- उद्देश्य: यह कार्यक्रम राज्यों के साथ साझेदारी में शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्रक में रोजगार के कम अवसर उत्पन्न होने की समस्या का समाधान करना है।
- मुख्य फोकस क्षेत्र:
- कौशल विकास, निवेश वृद्धि और प्रौद्योगिकी अपनाने में तेजी लाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना।
- कृषि उत्पादकता और अनाज भंडारण सुविधाओं में सुधार के माध्यम से कृषि क्षेत्रक का आधुनिकीकरण करना।
- लक्षित लाभार्थी: ग्रामीण महिलाएं, युवा किसान, सीमांत और लघु कृषक तथा भूमिहीन परिवार।
- कार्यान्वयन रणनीति:
- अन्य देशों और भारत में मौजूद सर्वोत्तम कार्य पद्धतियों को अपनाया जाएगा,
- बहुपक्षीय विकास बैंकों से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त की जाएगी।
- कार्यक्रम के प्रथम चरण में 100 विकासशील कृषि-जिलों को शामिल किया जाएगा।
‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों और ग्रामीणों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करेंगे।
बजट में कृषि क्षेत्रक के लिए घोषित की गई अन्य प्रमुख पहलें | |
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन |
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सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम |
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